झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने पौष्टिक आहार को बच्चों का जन्मसिद्ध अधिकार बताया और कहा कि कुपोषण की समस्या से निपटने के लिए सभी का सहयोग जरूरी है।
श्री दास ने यहां मोरहाबादी मैदान में आयोजित राष्ट्रीय पोषण अभियान के तहत पोषण अभियान का शुभारंभ करने के बाद कहा कि झारखंड में कुपोषण बड़ समस्या है। इस समस्या से निपटने में सभी का सहयोग जरूरी है। उन्होंने कहा कि पौष्टिक आहार बच्चों का जन्मसिद्ध अधिकार है।
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘हमारे देश में बच्चों को भगवान का रूप माना जाता है। हम भगवान को प्रसाद के रूप में मिठाई चढ़ते हैं। इस मिठाई की राशि से हम किसी गरीब बच्चे को पौष्टिक आहार उपलब्ध करा सकते हैं। इससे भगवान भी प्रसन्न होंगे और बच्चे भी स्वस्थ होंगे।
दास ने कहा कि बच्चे स्वस्थ होंगे तभी आनेवाला झारखंड भी स्वस्थ और मजबूत होगा। छोटे बच्चों के समुचित विकास में आंगनबाड़ का प्रमुख योगदान है। यहीं से बच्चों में भविष्य की बुनियाद पड़ती है। इसे देखते हुए कॉर्पोरेट-सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) के माध्यम से राज्य सरकार आंगनबाड़ को सुदृढ़ कर रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आंगनबाड़ में कार्यरत सभी कर्मियों में ममता का भाव होना चाहिए। सभी ईमानदारी से अपना काम करें। केवल खानापूर्ति न करें। उन्होंने कहा कि सभी आंगनबाड़ कर्मी अपनी जिम्मेवारी समझते हुए काम करेंगे तभी कुपोषण मुक्त झारखंड का निर्माण किया जा सकेगा। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि पोषण माह नहीं पोषण वर्ष चलायें।
कार्यक्रम में नगर विकास मंत्री सी. पी. सिंह, रांची के सांसद संजय सेठ, कांके विधायक डॉ. जीतूचरण राम, खाद्य आपूर्ति सचिव अमिताभ कौशल, पोषण मिशन के महानिदेशक डी. के. सक्सेना समेत अन्य अधिकारी उपस्थित थे।