35 किलो सोना तस्करी मामले में बीजेपी ने बुधवार को केरल सरकार पर पारदर्शिता नहीं बरतने का आरोप लगाया और कहा कि मुख्यमंत्री पिनराई विजयन को इस मामले में सामने आकर स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए। दरअसल, इस मामले में मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन का कार्यालय शक के घेरे में है।
बीजेपी महासचिव पी मुरलीधर राव ने कहा, ‘‘मुख्यमंत्री अब इस मामले में और नहीं छिप सकते। उनसे संबंधित एक व्यक्ति को लंबी छुट्टी पर भेज दिया गया। इसलिए पारदर्शी शासन का तकाजा मांग करता है कि केरल सरकार इस मामले में स्थिति स्पष्ट करे। अन्यथा जनता की इस पर भारी प्रतिक्रया होगी।’’
सोने की तस्करी के विवाद की पृष्ठभूमि में वरिष्ठ आईएएस अधिकारी एम शिवशंकर को मंगलवार को उनके पदों से हटा दिया गया। शिवशंकर मुख्यमंत्री पिनराई विजयन के सचिव के साथ ही प्रमुख सचिव सूचना प्रौद्योगिकी का पदभार भी संभाल रहे थे।
राव ने कहा कि इस मामले में केंद्र सरकार क्या कदम उठाएगी ये तो वही बता सकती है लेकिन राजनीतिक रूप से बीजेपी का मानना है कि प्रदेश सरकार ने इस मामले में पारदर्शिता नहीं बरती। उन्होंने कहा, ‘‘हम शुरू से कहते रहे है कि केरल सरकार का रवैया पारदर्शी नहीं रहा है। यहां तक कि कोविड-19 के खिलाफ ऑपरेशन के दौरान भी कई आरोप लगे और विवाद सामने आए।’’
उल्लेखनीय है कि सीमा शुल्क के अधिकारियों ने रविवार को तिरुवनंतपुरम अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर एयर कार्गो के जरिए पहुंचे ‘‘राजनयिक सामान’’ में 30 किलोग्राम से अधिक सोना बरामद किया था। इसके बाद से विपक्ष राज्य में सत्तारूढ़ वाम को घेरने की कोशिश कर रहा है।
वह इस मामले की सीबीआई जांच कराने की भी मांग कर रहा है। मामले के राजनीतिक तूल पकड़ने और मुख्यमंत्री कार्यालय को लेकर लगने वाले आरोपों के बीच मुख्यमंत्री विजयन ने कहा कि यह निर्णय पूरी तरह केंद्र पर है कि कौन सी जांच एजेंसी को मामले की जांच करनी चाहिए।