भाजपा ने बृहस्पतिवार को निवार्चन आयोग का दरवाजा खटखटाया और पश्चिम बंगाल में कार्यकाल समाप्त होने के बावजूद निर्वाचित प्रतिनिधियों को कथित तौर पर संवैधानिक और कानूनी प्रावधानों का उल्लंघन करते हुए फिर से उन्हीं नगर निगमों के प्रशासक मंडल में सरकार द्वारा की गई नियुक्तियों को रद्द करने की मांग की।
केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, पार्टी महासचिवों भूपेन्द्र यादव और कैलाश विजयवर्गीय सहित अन्य नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने निर्वाचन आयोग को इस सिलिसले में एक ज्ञापन सौंपा और पश्चिम बंगाल में निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव संपन्न कराने के लिए आवश्क कदम उठाने की मांग की। पार्टी ने बताया कि राज्य में 135 नगर निगम हैं और उनमें से 125 ऐसे हैं जिनका पांच वर्ष का कार्यकाल पिछले साल अप्रैल-मई में ही समाप्त हो चुका है। पार्टी ने आरोप लगाया कि राज्य की सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस ने इन निगमों के चुनावों को स्थगित करने के लिए राज्य निर्वाचन आयोग को ‘‘प्रभावित’’ किया।
भाजपा ने आरोप लगाया, ‘‘इसके बाद तृणमूल कांग्रेस सरकार ने संवैधानिक और कानूनी प्रावधानों का उल्लंघन करते हुए पार्टी के पूर्व मेयरों और अपने कार्यकर्ताओं को अधिकांश नगर निगमों में प्रशासक के तौर पर नियुक्त कर दिया।’’ पार्टी ने उच्चतम न्यायालय के एक आदेश का हवाला देते हुए कहा, ‘‘चूंकि पूर्व निर्वाचित प्रतिनिधियों का कार्यकाल समाप्त हो गया है, वे किसी भी प्रकार से नगर निगमों के मामलों का प्रबंधन नहीं देख सकते।’’ पश्चिम बंगाल में आठ चरणों में विधानसभा चुनाव होने हैं।