भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) उपाध्यक्ष दिलीप घोष ने रविवार को तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के महासचिव अभिषेक बनर्जी के त्रिपुरा दौरे पर सवाल उठाया और दावा किया कि पूर्वोत्तर राज्य में निकाय चुनावों के बाद पार्टी के लिए कुछ भी नहीं बचा है। घोष ने कहा कि टीएमसी को इसके बजाय पश्चिम बंगाल के विकास पर ध्यान देना चाहिए।
धन कि कमी के कारण रद्द हुई 'दुआरे सरकार' परियोजना
घोष ने दावा किया कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की प्रिय परियोजना 'दुआरे सरकार' (घर के दरवाजे पर सरकार) धन की कमी के कारण रद्द कर दी गई है जबकि इसका एक और संस्करण रविवार से शुरू होना था। घोष ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘टीएमसी के पास त्रिपुरा में कुछ नहीं बचा है, वह (अभिषेक बनर्जी) क्यों जा रहे हैं? त्रिपुरा के लोगों ने स्पष्ट कर दिया है कि ऐसी पार्टी वहां नहीं टिकेगी।’’
गोवा की जगह पश्चिम बंगाल पर दें ध्यान
उन्होंने कहा कि इसके बजाय टीएमसी सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि पश्चिम बंगाल के लोगों को नौकरी की तलाश में बाहर न जाना पड़े। उन्होंने कहा,‘‘टीएमसी त्रिपुरा में विस्तार करेगी या गोवा में यह बाद में देखा जाएगा, लेकिन अभी उन्हें बंगाल पर ध्यान देना चाहिए।’’ टीएमसी देश के विभिन्न हिस्सों में अपना प्रसार की कोशिश कर रही है और उसने कहा है कि वह गोवा और त्रिपुरा में विधानसभा चुनाव लड़ेगी।
सौगत रॉय बोले क्या घोष ने की सरकार के खजाने की जांच?
घोष ने दावा किया कि योजना और धन की कमी के कारण पश्चिम बंगाल में सरकारी परियोजनाएं बाधित हो रही हैं। उन्होंने कहा, ‘‘वे कोविड-19 का हवाला देते हुए ‘दुआरे सरकार’ को रद्द कर रहे हैं, लेकिन तथ्य यह है कि कोई धन नहीं है।’’ भाजपा नेता पर पलटवार करते हुए, टीएमसी सांसद सौगत रॉय ने सवाल किया कि क्या ‘‘दिलीप घोष ने पश्चिम बंगाल सरकार के खजाने की जांच की है।’’
TMC ने किया BJP पर पलटवार
रॉय ने कहा कि ‘दुआरे सरकार’ केंद्रों पर भीड़ को रोकने के लिए कार्यक्रम को रद्द कर दिया गया है, जहां लोग, मुख्य रूप से महिलाएं, विधवा और वृद्धावस्था पेंशन जैसी विभिन्न योजनाओं के लिए बड़ी संख्या में कतार में खड़ी होती हैं। उन्होंने कहा, ‘‘राज्य सरकार ने (कार्यक्रम को रोककर) सही फैसला लिया है।’’