उत्तराखंड की राजनीति में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के खिलाफ पार्टी नेताओं ने बागी तेवर दिखाए, जिसके बाद यह कयास लगने लगे कि राज्य के मुख्यमंत्री को बदला जा सकता है। इन सबके बाद अब मुख्यमंत्री की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर रहे पार्टी विधायकों और सांसदों के एक वर्ग के भीतर चल रही नाराजगी के मद्देनजर भाजपा आलाकमान ने मुख्यमंत्री से उनपर सख्त कार्रवाई करने को कहा है।
गौरतलब है कि पार्टी हाई कमान ने छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह को देहरादून में शनिवार को कोर कमेटी की एक अनिर्धारित बैठक आयोजित करने के लिए भेजने का निर्णय किया। उस समय विधानसभा सत्र में बजट पर चर्चा हो रही थी। हाई कमान का यह निर्णय मुख्यमंत्री के कैंप और उनके विरोधियों को भी नागवार गुजरा। पार्टी के एक शीर्ष नेता ने कहा, कुछ तो चल रहा है। बस इंतजार करें और देखें (वेट ऐंड वॉच)। सूत्रों ने कहा कि राज्य मंत्रिमंडल में फेरबदल के साथ-साथ मंत्रिमंडल के विस्तार की भी संभावना है।
राज्य विधानसभा का बजट सत्र अनिश्चितकाल के लिए समाप्त होने के बाद पार्टी विधायकों के साथ-साथ मुख्यमंत्री को भी शनिवार दोपहर हेलीकाप्टर से देहरादून पहुंचने के लिए कहा गया था। मुख्यमंत्री के करीबी एक सूत्र ने कहा कि वास्तव में कुछ गंभीर तो जरूर था जब पार्टी आलाकमान ने अचानक रमन जी को देहरादून भेजने का फैसला किया, और वह भी सीएमओ को बिना कोई पूर्व सूचना दिए।
बहरहाल, पार्टी के पर्यवेक्षकों का दावा है कि पार्टी हाईकमान फिलहाल बदलाव के पक्ष में नहीं है। पार्टी आलाकमान को जल्द ही सीएम रावत को नई दिल्ली बुलाने की संभावना है। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि हमारा मानना है कि आलाकमान द्वारा कोई भावी निर्णय लेने से पहले ही रावत पार्टी हाईकमान के साथ विचार-विमर्श के लिए नई दिल्ली की यात्रा कर सकते हैं। इसी संदर्भ में रमन सिंह को एक स्वतंत्र पर्यवेक्षक के रूप में देहरादून भेजा गया था। उन्होंने कहा कि सामान्य परिस्थितियों में दुष्यंत कुमार गौतम, जो राज्य में पार्टी मामलों के प्रभारी हैं, खुद इस तरह की बैठकें आयोजित करने के लिए सक्षम हैं।
रमन सिंह को भेजकर आलाकमान ने यह बताने की कोशिश की कि यह राज्य के राजनीतिक मामलों के लिए बहुत गंभीर बात है। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बंसीधर भगत ने कहा कि कोर कमेटी की बैठक में राज्य में नेतृत्व परिवर्तन से संबंधित किसी भी चीज पर चर्चा नहीं हुई है। मैंने पहले भी स्पष्ट कर दिया है कि नेतृत्व परिवर्तन पर कोई चर्चा नहीं हुई। भगत ने कहा कि 18 मार्च को सीएम रावत चार साल पूरे करेंगे और इसे सेलिब्रेट करने के लिए राज्य में भव्य आयोजन किया जाएगा।