पश्चिम बंगाल में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष को इस बार चुनावी मैदान से दूर रखने का फैसला किया गया है। स्वयं दिलीप घोष ने कहा कि विधानसभा प्रत्याशियों की लिस्ट से उनका नाम बाहर रहेगा। इसकी वजह बताते हुए दिलीप घोष ने कहा है कि पार्टी ने यह फैसला इसलिए लिया है ताकि मैं राज्यों में चुनाव प्रचार कर सकूं।
दिलीप घोष ने कहा, ‘चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों की लिस्ट में मेरा नाम नहीं रहेगा। पार्टी ने यह फैसला लिया है कि राज्य में चुनाव का प्रचार मेरे सुपरविजन में रहेगा।’ दिलीप घोष ने कहा कि बीजेपी ने निर्णय लिया है कि पार्टी अध्यक्ष होने के नाते पूरे प्रदेश में चुनाव प्रचार करने का जिम्मा मेरे नेतृत्व में होगा इस कारण मुझे चुनावों में नहीं उतारा गया ताकि मैं राज्य में चुनाव प्रचार को पूरा समय दे सकूं।
बता दें कि बंगाल की 294 विधानसभा सीटों पर 8 चरणों में चुनाव होने हैं। 27 मार्च को पहले चरण के लिए मतदान होंगे, दूसरे चरण का मतदान 1 अप्रैल को होगा, तीसरे चरण की वोटिंग के लिए 6 अप्रैल का दिन तय किया गया है। 10 अप्रैल को चौथे चरण में 44 सीटों पर वोटिंग होगी, पांचवें चरण का चुनाव 17 अप्रैल को होगा, जहां 45 सीटों पर वोट डाले जाएंगे। इसके अलावा 22 अप्रैल को छठे चरण में 43 सीटों, 26 अप्रैल को सातवें चरण के तहत 36 सीटों पर वोटिंग होंगी तो वहीं आखिरी और आठवें चरण में 35 सीटों पर वोटिंग होगी, नतीजे 2 मई को घोषित किए जाएंगे।