भोपाल (मनीष शर्मा) भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव एवं कद्दावर नेता कैलाश विजयवर्गीय ने पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी पर साधा निशाना है। साथ ही उन्होंने पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन की मांग भी की है। बीजेपी पदाधिकारियों की बैठक में भाग लेने जबलपुर पहुंचे विजयवर्गीय ने पत्रकारों से चर्चा में यह बात कही।
भाजपा नेता ने कहा कि राष्ट्रपति शासन के लिए ममता सरकार खुद जिम्मेदार है। दरअसल ममता अपनी पराजय स्वीकार नहीं कर पा रही हैं और यही वजह है कि उन्हें हराने वाले शुभेंदु अधिकारी के विरुद्ध सीआईडी जांच करा रही हैं। उन्होंने कहा कि हालांकि चुनी हुई सरकार को हटाना बीजेपी के उसूलों के खिलाफ है, पर पश्चिम बंगाल के हालात ही ऐसे हैं। कहा कि वहां के राज्यपाल ने भी अपनी रिपोर्ट में कहा है कि पश्चिम बंगाल में कानून व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त है। मानव अधिकार आयोग, बाल आयोग, एससी-एसटी आयोग ने भी अपनी-अपनी रिपोर्ट में इस तरह की बात कही है।
विजयवर्गीय ने कहा कि जब मुकुल रॉय बीजेपी में आए, तब तक उन पर एक भी केस दर्ज नहीं था। उनके बीजेपी में आने के बाद उन पर 50 केस दर्ज कर लिए गए और परेशान होकर उन्होंने फिर से टीएमसी ज्वॉइन कर ली। वहां से सांसद अर्जुन सिंह पर 100 केस लग गए हैं। खुद मुझ पर भी बंगाल में 20 से 22 केस चल रहे हैं। विपक्ष पर झूठे केस लगाना उनकी मानसिकता है। विरोधियों को लोकतंत्र की बजाए प्रशासनिक मशीनरी का बेजा प्रयोग कर ठिकाने लगाने की मुहिम चलाई जा रही है।
विजयवर्गीय ने कहा कि बंगाल में भाजपा की सरकार बनने वाली थी लेकिन बंगाल में अनूठा राजनीतिक गठबंधन हुआ जिसके तहत भाजपा को रोकने के लिए वामपंथी और टीएमसी एक साथ हो गए। बावजूद इसके पश्चिम बंगाल में शून्य से शुरुआत करते हए हम अब मजबूत स्थिति में पहुंच गए हैं। ये संभव हुआ तो प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व और कार्यकर्ताओं की दम पर। उन्होंने कहा कि बंगाल में हमारे सामने अनेक चुनौतीयां है क्योकि वहां लोकतंत्र नही है। वहां पुलिस तक का राजनीतिकरण और राजनीति का अपराधीकरण हो गया है।
▪️कांग्रेस में नेतृत्व संकट-
बीजेपी महासचिव ने कहा कि उत्तर प्रदेश देश का सबसे बड़ा राज्य है। वहां यदि राहुल, प्रिंयका जाकर राजनीति करें और कोई घटना होने पर धरना आंदोलन कर तो उससे न उनका और न ही उनकी पार्टी का जनाधार बन सकता है। क्योंकि हमारे देश में अस्थाई राजनीति सफल नहीं है। कांग्रेस में लीडरशीप पर उनके कार्यकर्ताओं को विश्वास नही है। इसी कारण मध्य प्रदेश, पंजाब, राजस्थान, बंगाल, महाराष्ट्र सभी राज्यो में कांग्रेस में अस्थिरता का माहौल है और इसके लिए उनके नेताओं को सोचना चाहिए।