मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने भारतीय जनता पार्टी के चुनावी घोषणापत्र को जुमलों का पिटारा बताया है। पार्टी के महासचिव सीताराम येचुरी ने प्रधनमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्तिथि में पार्टी अध्यक्ष अमित शाह और गृह मंत्री राजनाथ सिंह द्वारा सोमवार को जारी घोषणा पत्र पर अपनी प्रतिक्रिया में यह बात कही। सीताराम येचुरी ने कहा कि बीजेपी ने पिछले लोकसभा चुनाव में भी इसी तरह के बड़े-बड़े वादे किये थे।
इन पांच सालों में उन वादों का क्या हुआ। क्या 10 करोड़ लोगों को नौकरी मिली? आज देश में बेरोजगारी पिछले 50 साल में सबसे ज्यादा है, नोट बंदी से देश की अर्थव्यवस्था और कमजोर हुई, लोग बेरोजगार हुए, जी एस टी से करोड़ लोग परेशान हुए और अब राजस्व भी कम हो गया है।
उन्होंने कहा कि देश के हर नागरिक को 15 लाख रुपये देने का वादा किया गया था। उसका क्या हुआ? किसान गहरे गहरे संकट में है वे आत्महत्या कर रहे है। क्या उनके कर्ज मा़फ हुए? उन्होंने कहा कि इस संकल्प पत्र में भी आश्वासनों की लम्बी सूची है लेकिन वे कभी लागू नही किये जायेंगे।
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माकपा नेता ने कहा कि संकल्प पत्र में नागरिकता संशोधन विधेयक की बात कही गयी है जबकि पूरा पूर्वोत्तर इस मुद्दे को लेकर जल रहा हैं और उसका विरोध हो रहा है लेकिन बीजेपी सांप्रदायिक ध्रुवीकरण की राजनीति करती है और अल्प संख्यकों को निशाने पर रखती है।
उन्होंने कहा कि पिछले 30 साल से बीजेपी मंदिर बनाने की बात करती आ रही है और हर चुनाव में जोर शोर से यह मुद्दा उठता है तथा समाज को बांटने की कोशिश की जाती है। उन्होंने कहा कि बीजेपी केवल लोगों को गुमराह करती है और वह महिला आरक्षण विधेयक भी कभी लोकसभा में पारित नहीं करायेगी। यह घोषणापत्र केवल जुमलों से भरा है।