बीजेपी विधायक नितेश राणे को सुप्रीम कोर्ट से 10 की अंतरिम राहत मिल गई है। हालांकि कोर्ट ने उन्हें जमानत नहीं दी है, बल्कि कुछ समय के लिए उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगाई है। गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने नितेश राणे को 10 दिनों की गिरफ्तारी से छूट दी है। माननीय कोर्ट ने अपने आदेश में नितेश राणे को ट्रायल कोर्ट में सरेंडर करने के लिए कहा और इस मामले में रेगुलर बेल लगाने के लिए कहा।
प्रधान न्यायाधीश एनवी रमण की अध्यक्षता वाली पीठ ने केन्द्रीय मंत्री नारायण राणे के बेटे नितेश राणे की अग्रिम जमानत याचिका का निस्तारण करते हुए उन्हे दस दिन के भीतर निचली अदालत में समर्पर्ण करने का निर्देश दिया और इस मामले में नियमति जमानत के लिए याचिका दाखिल करें। बंबई उच्च न्यायालय ने 17 जनवरी को मामले में नितेश राणे को अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया था। अदालत ने कहा था कि व्यक्तिगत स्वतंत्रता और मामले की उचित जांच के बीच संतुलन की जरूरत है।
उच्च न्यायालय की एकल पीठ ने नितेश राणे और अन्य आरोपी संदेश सावंत की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी, लेकिन मामले के एक अन्य आरोपी मनीष दलवी की याचिका को स्वीकार कर लिया था। यह मामला सिंधुदुर्ग जिला सहकारी बैंक के चुनाव के प्रचार के दौरान शिवसेना के स्थानीय कार्यकर्ता संतोष परब पर हुए कथित हमले से संबंधित है।