दुराचार के तथाकथित आरोपी हरिद्वार ज्वालापुर के भाजपा विधायक सुरेश राठौर को सोमवार को उच्च न्यायालय से राहत मिल गई। न्यायमूर्ति नारायण सिंह धनिक की एकलपीठ ने उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है। साथ ही विधायक को जांच में सहयोग करने को कहा है। इस मामले में सरकार की ओर से कहा गया कि दोनों ओर से आरोप-प्रत्यारोप लगाए गए है।
भाजपा विधायक की ओर से महिला और उसके पति के साथ ही अन्य लोगों के भी खिलाफ ब्लैकमेलिंग का अभियोग पंजीकृत किया गया। इसके बाद महिला ने दुराचार का आरोप लगाया है। हरिद्वार पुलिस की ओर से इस मामले की जांच की जा रही है। विधायक की ओर से कहा गया कि महिला और उसका पति का आपराधिक इतिहास है।
महिला और उसके पति के खिलाफ उन्होंने ब्लैकमेलिंग का मुकदमा दर्ज कराया था। इस मामले में सभी पांच आरोपी जेल की हवा खा चुके हैं। जेल से बाहर आने के बाद महिला की ओर से बदले की भावना से दुराचार का आरोप लगाए गए हैं। निचली अदालत की आदेश पर उनके खिलाफ मुकदमा दायर किया गया है।
वहीं दूसरी ओर आरोप लगाने वाली महिला के अधिवक्ता की ओर से भी अदालत में स्वीकार किया गया कि विधायक की शिकायत पर महिला और उसका पति जेल जा चुके हैं। यहां बता दें कि विधायक राठौर पर उनकी ही पार्टी की एक महिला की ओर से दुराचार के आरोप लगाए गए हैं। आरोप है कि विधायक ने ढाई वर्ष पूर्व उसके साथ दुराचार किया। मना करने पर विधायक ने उसे जान से मारने की धमकी भी दी।