राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू पर कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी की टिप्पणी को लेकर विवाद बढ़ता ही जा रहा है। देश की संसद में इस मुद्दे को लेकर ज़ोरदार हंगामे का दौर चला। इस बीच झारखंड विधानसभा के मानसून सत्र के पहले ही दिन शुक्रवार को बीजेपी विधायकों ने अधीर रंजन की टिप्पणी को लेकर जोरदार प्रदर्शन किया। बीजेपी ने इस मसले पर सोनिया गांधी और राहुल गांधी से माफी की मांग की।
सत्र शुरू होने के ठीक पहले बीजेपी विधायकों का समूह विधानसभा के मुख्य द्वार पर तख्तियां लेकर बैठ गया। तख्तियों पर आदिवासी बेटी का अपमान नहीं सहेगा हिंदुस्तान, सोनिया-राहुल माफी मांगों जैसे नारे लिखे थे। बीजेपी विधायक दल के मुख्य सचेतक बिरंची नारायण ने कहा कि कांग्रेस को यह स्वीकार नहीं है कि एक आदिवासी महिला देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद पर बैठे। सोनिया गांधी और राहुल गांधी अगर सच में अधीर रंजन के शर्मनाक बयान से सहमत नहीं हैं, तो उन्हें तुरंत माफी मांगनी चाहिए।
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बीजेपी विधायक मनीष जायसवाल ने कहा कि कांग्रेस पार्टी कभी भी देश के गरीब, आदिवासी, दलित और पिछड़ों को देश की मुख्यधारा से जुड़ते नहीं देख सकती। यह कांग्रेस की ओछी मानसिकता को दर्शाता है। विधायक अपर्णा सेन गुप्ता ने कहा कि कांग्रेस पार्टी में महिला का मतलब सिर्फ सोनिया गांधी और प्रियंका गांधी है। किसी आदिवासी या दलित महिला को आगे बढ़ते काँग्रेस पार्टी नहीं देख सकती। प्रदर्शन और नारेबाजी करने वाले विधायकों में राज सिन्हा, नीरा यादव, अनंत ओझा, भानु प्रताप शाही, अमर बाऊरी, रणधीर सिंह, शशिभूषण प्रसाद मेहता ढुल्लू महतो, समरी लाल एवं अन्य शामिल थे।
बाद में सत्र की शुरूआत विधानसभा अध्यक्ष रविन्द्र नाथ महतो के वक्तव्य के साथ हुई। उन्होंने कहा कि देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद पर पहली बार एक आदिवासी महिला का आसीन होना गौरव की बात है। जनजातीय समाज के उत्थान के लिए यह परिघटना मील का पत्थर साबित होगी। उन्होनें इसके लिए सभी सांसदों और विधायकों को बधाई दी।