महाराष्ट्र विधानसभा के दो दिवसीय शीतकालीन सत्र के पहले दिन यानी आज विपक्षी बीजेपी के विधायकों ने मराठा आरक्षण और किसानों के मुद्दों के प्रति ‘‘उदासीन रवैये’’ के विरोध में विधान भवन की सीढ़ियों पर धरना दिया। बीजेपी नेता एवं राज्य के पूर्व मंत्री आशीष शेलार ने विधान भवन के बाहर पत्रकारों से कहा कि मराठा आरक्षण मामले पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान सरकारी वकील मौजूद नहीं था।
उन्होंने पूछा, ‘‘सरकार कोर्ट को समझाने में अक्षम क्यों रही?’’ विधानसभा में विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने कहा, ‘‘सरकार चर्चा से बच रही है।’’ उन्होंने कहा कि दो दिन के सत्र में 10 विधेयक सूचीबद्ध हैं, इसका मतलब है कि सरकार चर्चा नहीं चाहती। उप मुख्यमंत्री अजीत पवार ने इन मुद्दों को ‘‘हताशा में’’ उठाने के लिए बीजेपी पर निशाना साधा।
पवार ने पत्रकारों से कहा, ‘‘सरकार मराठा आरक्षण पर से स्थगन हटाने की पूरी कोशिश कर रही है। हाल ही में संपन्न विधान परिषद चुनाव में हार के कारण विपक्ष हताश है।’’ राज्य के लोक निर्माण विभाग के मंत्री अशोक चव्हाण ने भी ‘‘राजनीतिक नौटंकी’’ करने पर विपक्ष पर निशाना साधा। कोविड-19 के मद्देनजर शीतकालीन सत्र को राज्य में दो दिन का कर दिया गया है।
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने इस साल सितंबर में महाराष्ट्र में शिक्षा और नौकरी में मराठा समुदाय के लोगों को आरक्षण देने वाले कानून को लागू करने पर रोक लगा दी थी, लेकिन साथ ही स्पष्ट कर दिया था कि जिन्हें इसका लाभ मिला है उन्हें इस आदेश से कोई परेशानी नहीं होगी।