भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रमुख जे पी नड्डा ने केरल के कोट्टयम जिले में कुछ दिनों पहले शीर्ष कैथोलिक पादरियों से गुपचुप तरीके से मुलाकात की थी। सूत्रों ने बताया कि यह एक निजी बैठक थी और इसमें राजनीति पर चर्चा नहीं की गयी।
पादरियों से भाजपा अध्यक्ष ने नहीं की कोई राजनीतिक बात
एक उच्च पदस्थ सूत्र ने एक समाचार एजेंसी को बताया, ‘‘राजनीति पर चर्चा नहीं की गयी। यह एक तरह की निजी बैठक थी।’’ इस बैठक के राजनीतिक महत्व के बारे में पूछे जाने पर सूत्र ने दोहराया कि इसमें कुछ भी राजनीतिक नहीं था, लेकिन साथ ही उन्होंने कहा, ‘‘हां, हम सभी से संपर्क करेंगे।’’ एक अन्य सूत्र ने कहा कि कैथोलिक चर्च के कोट्टयम और चंगनाशेरी धार्मिक क्षेत्र के शीर्ष पादरी वहां कैरिटास अस्पताल के समीप एक स्थान पर बैठक में शामिल हुए।
मुलाकात पर गिरजाघर ने नहीं दी कोई प्रतिक्रिया
सूत्रों ने बताया कि नड्डा के अलावा कुछ शीर्ष भाजपा नेता भी बैठक में मौजूद रहे।गिरजाघर की तरफ से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं मिली है। नड्डा हाल में केरल में थे और उन्होंने कोट्टयम में भाजपा के एक जिला कार्यालय का उद्घाटन किया था।
आपको बता दे की भाजपा केरल में राजनीतिक पैठ बनाने के लिए ईसाई समुदाय में विश्वास बढ़ाने में लगी हुई। केरल में ईसाई समुदाय केरल में सियासी रूप से बहुत महत्वपूर्ण हैं। केरल में करीब 17 प्रतिशत वोट ईसाई समुदाय के पास हैं, जो केरल जैसे वामपंथी ईलाके में बहुत बड़ी बात हैं। केरल की वामपंथ सरकार को ईसाई समुदाय का समर्थन हासिल हैं ,जिस कारण वह मुस्लिम -ईसाई गठजोड़ करके सत्ता पर काबिज हैं। अन्यथा इससे पूर्व में ईसाई समुदाय पारंपरिक तौर पर कांग्रेस को केरल में अपना वोट देता था। पादरी ईसाई समुदाय में धार्मिक रूप से आस्था का ठिकाना हैं, जिनका समर्थन सरकार बनाने के लिए आवश्यक हैं।