गोवा विधानसभा चुनाव के बीजेपी ने उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी कर दी है। छह विधायकों के टिकट काटते हुए 34 उम्मीदवारों की लिस्ट में दिवंगत पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर के बेटे उत्पल पर्रिकर का नाम भी शामिल नहीं है। वहीं पार्टी ने मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत को सैंकलिम से उम्मीदवार बनाया है।
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और गोवा के लिए बीजेपी के चुनाव प्रभारी देवेंद्र फडणवीस ने पार्टी महासचिव अरुण सिंह के साथ एक जॉइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी अध्यक्ष जे पी नड्डा सहित पार्टी की केंद्रीय चुनाव समिति के अन्य सदस्यों ने उम्मीदवारों के नामों पर मुहर लगाई है।
6 सीटों पर नए चेहरों के साथ मैदान में BJP
अरुण सिंह ने कहा कि पार्टी ने जिन 34 उम्मीदवारों के नाम तय किए हैं उनमें नौ ईसाई समुदाय के हैं जबकि तीन सामान्य सीटों पर अनुसूचित जनजाति के नेताओं को उम्मीदवार बनाया गया है। उन्होंने कहा कि पार्टी ने नौ सामान्य जाति के नेताओं को अपना उम्मीदवार बनाया है जबकि एक पत्रकार को भी टिकट दिया गया है। राज्य में छह सीटें ऐसी हैं जहां से पार्टी ने नए उम्मीदवार उतारे हैं।
पणजी सीट से टिकट नहीं मिलने पर बागी होंगे उत्पल पर्रिकर
गोवा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर के पुत्र उत्पल पर्रिकर को पणजी सीट से टिकट नहीं दिया गया है और पार्टी ने अपने वर्तमान विधायक अतनासियो मोंटेसेरेट पर भरोसा जताया है। मनोहर पर्रिकर के निधन के बाद इस सीट पर हुए उपचुनाव में कांग्रेस के अतनासियो मोंटेसेरेट ने जीत दर्ज की थी। बाद में वह बीजेपी में शामिल हो गए थे। उत्पल इसी सीट से टिकट की मांग कर रहे थे। ऐसे में उन्हें टिकट नहीं मिलने पर वह बागी रूप अपना सकते हैं।
पणजी सीट के दो विकल्पों को उत्पल ने किया खारिज
पणजी से वर्तमान विधयक को टिकट दिए जाने पर फडणवीस ने कहा कि ‘‘मनोहर पर्रिकर जी का परिवार हमारा परिवार है। उत्पल पर्रिकर से चर्चा हुई है। हमने उन्हें दो विकल्प दिए हैं। उन्होंने पहले विकल्प को खारिज कर दिया। दूसरे विकल्प पर उनसे चर्चा हो रही है। हम समझते हैं कि वह मान जाएंगे।’’
फडणवीस ने दावा किया कि बीजेपी की सरकार ने गोवा को राजनीतिक स्थिरता दी है और इस तटीय राज्य के विकास के लिए दिवंगत मनोहर पर्रिकर ने जो सपना देखा था, उसे पूरा कर रही है। केंद्र व राज्य सरकार की विभिन्न उपलब्धियां गिनाते हुए उन्होंने कहा कि जिस गोवा को कभी खराब कानून-व्यवस्था की स्थिति के लिए जाना जाता था, वहां आज शांति है और कानून का राज है।
गोवा को ‘‘पैसे बनाने की फैक्ट्री’’ के रूप में देखते हैं विपक्षी दल
इस अवसर पर फडणवीस ने विरोधी दलों पर भी निशाना साधा और कहा कि बीजेपी जहां गोवा के विकास के लिए संघर्ष कर रही है, वहीं बाकी राजनीतिक दल बीजेपी से संघर्ष कर रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस सहित सभी अन्य विपक्षी दल गोवा को ‘‘पैसे बनाने की फैक्ट्री’’ के रूप में देखते हैं। उन्होंने दावा किया कि राज्य की जनता के बीच कांग्रेस अपना जनाधार और विश्वसनीयता दोनों खो चुकी है।
फडणवीस ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस पर भी हमला बोला और कहा कि गोवा की जनता ने उन्हें पहले ही खारिज कर दिया है। उन्होंने आरोप लगाया कि तृणमूल कांग्रेस ने वहां ‘‘सूटकेस’’ के भरोसे अपना राजनीति विस्तार करने की कोशिश की लेकिन वह लोगों के दिलों में जगह बनाने में नाकाम रही। उन्होंने कहा, ‘‘गोवा के लोग मानते हैं कि यह पार्टी गोवा के लिए उपयुक्त नहीं है।’’
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बीजेपी नेता ने दावा किया कि आम आदमी पार्टी को लेकर भी गोवा के लोगों के मन में कोई विश्वास नहीं है। उन्होंने कहा कि आप लगातार कई घोषणाएं कर रही है और आश्वासन दे रही है लेकिन दिल्ली में जो उनकी सरकार ने काम किया है उसके अनुभव को देखते हुए जनता ने उन्हें भी नकार दिया है। उन्होंने दावा किया कि राज्य में बीजेपी फिर से बहुमत के साथ सरकार बनाएगी।
गोवा की 40 सदस्यीय विधानसभा के लिए 14 फरवरी को मतदान होना है। आम आदमी पार्टी (आप) ने गोवा में अगले महीने होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए वकालत से राजनीति में आए अमित पालेकर को बुधवार को पार्टी का मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित किया। गोवा में दो बड़े चुनाव-पूर्व गठबंधन बने हैं। कांग्रेस ने जीएफपी के साथ गठबंधन किया है। जीएफपी एक क्षेत्रीय संगठन है, जो 2017 में मनोहर पर्रिकर सरकार का हिस्सा था, जबकि तृणमूल कांग्रेस को एमजीपी के रूप में एक क्षेत्रीय भागीदार मिला है, जिसने शिवसेना के साथ गठबंधन में 2017 का चुनाव लड़ा था, लेकिन बाद में पर्रिकर के नेतृत्व वाली सरकार में शामिल हो गया था।