केरल में पिछले कुछ दिनों से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के कार्यकर्ताओं की हत्या हो रही है। ऐसे में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने यहां राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के एक युवा कार्यकर्ता की हाल में हुई हत्या के मामले को जांच के लिए राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) को सौंपने की ‘‘अनिच्छा’’ को लेकर केरल सरकार की आलोचना करते हुए शुक्रवार को कहा कि मामले के दोषियों को सुरक्षा प्रदान करने के पीछे उसका कोई ‘‘छुपा हुआ एजेंडा’’ है।
उधर, भाजपा ने इन आरोपों को एक बार फिर दोहराते हुए कहा कि दिन-दिहाड़े की गई इस हत्या के पीछे इस्लामी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) की राजनीतिक शाखा सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (एसडीपीआई) के कार्यकर्ताओं का हाथ है और आरोपियों को सत्तारूढ़ दल का समर्थन प्राप्त होने के कारण राज्य पुलिस निष्पक्ष और स्वतंत्र जांच नहीं कर सकती।
गौरतलब है कि 27 वर्षीय संघ कार्यकर्ता संजीत की सोमवार को उनकी पत्नी के सामने उस समय हत्या कर दी गई थी, जब वह अपनी पत्नी को उसके कार्यालय छोड़ने जा रहे थे। केंद्रीय मंत्री वी मुरलीधरन संजीत के घर गए और शोकसंतप्त परिवार को सांत्वना दी।
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उन्होंने बाद में संवाददाताओं से कहा कि केरल में हाल में संजीत समेत दो लोगों की हत्या हुई और इन हत्याओं के तार आतंकवाद से जुड़े हैं तथा सच का पता वही एजेंसी लगा सकती है,जो इस प्रकार के मामले से निपटने में विशेषज्ञ हो। मुरलीधरन ने कहा, ‘‘भाजपा और आरएसएस इस मामले की एनआईए से जांच कराने का दवाब बना रहे हैं। एलडीएफ (वाम लोकतान्त्रिक मोर्चा) सरकार मामले को एनआईए को सौंपने को लेकर अनिच्छुक है, क्योंकि इसके पीछे उनका कोई छुपा हुआ एजेंडा है।’’
केंद्रीय मंत्री ने मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) नीत एलडीएफ सरकार पर आरोप लगाया कि उसे दोषियों के बारे में स्पष्ट जानकारी है। वरिष्ठ भाजपा नेता ने दक्षिणी राज्य में कथित ‘‘इस्लामी आतंकवादी बलों’’ की ताकत बढ़ने को लेकर सचेत किया और माकपा और उसकी सरकार पर मतों के लिए उन्हें समर्थन देने का आरोप लगाया।
