जैसे-जैसे ठंड का मौसम नजदीक आ रहा है, पश्चिम बंगाल में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली सरकार की स्थिरता को लेकर विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (BJP) और सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (TMC) के बीच बढ़ते आरोप-प्रत्यारोप के साथ राज्य में राजनीतिक पारा चढ़ता दिख रहा है।दिसंबर का महीना पिछले कुछ समय में बंगाल के राजनीतिक परिदृश्य में काफी महत्वपूर्ण हो गया है। विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी सहित बीजेपी के कई नेताओं का कहना है कि इस वर्ष के अंत तक टीएमसी का अस्तित्व समाप्त हो जाएगा। सत्तारूढ़ टीएमसी ने बीजेपी नेताओं के इन दावों को सिरे से खारिज किया है।
राज्य सरकार को अस्थिर करने की साजिश
तृणमूल के सूत्रों का कहना है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्य में हाल ही में हथियारों की बरामदगी पर चिंता व्यक्त करते हुए आशंका जताई है कि उत्तर बंगाल में अशांति फैलाने की कोशिश की जा रही है।बीजेपी के सूत्रों ने कहा कि पार्टी की सख्त चेतावनियों को अब कुछ लोग गंभीरता से ले रहे हैं।उत्तर बंगाल में एक अलग केंद्र शासित प्रदेश की मांग जोर पकड़ रही है। बीजेपी के कई नेताओं और स्थानीय संगठनों ने जोर देकर कहा है कि यह केवल ‘‘समय की बात’’ है।हालांकि, बीजेपी नेतृत्व ने इस टिप्पणी से दूरी बना रखी है।टीएमसी प्रवक्ता कुणाल घोष ने आरोप लगाया कि बीजेपी नेताओं के बयानों से स्पष्ट है कि वे राज्य सरकार को अस्थिर करने की साजिश रच रहे हैं।
बीजेपी सत्ता पर कब्जा करने के लिए बेताब
टीएमसी प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा, ‘‘ पिछले विधानसभा चुनाव में हार के बाद बीजेपी किसी न किसी तरह से बदला लेने की फिराक में थी। उनके बयानों से जाहिर है कि वे विभिन्न माध्यमों से राज्य सरकार को अस्थिर करने और गड़बड़ी पैदा करने की साजिश रच रहे हैं। दिसंबर में कोई अप्रिय घटना होती है तो उसके लिए बीजेपी जिम्मेदार होगी।’’अनुभवी टीएमसी नेता सौगत रॉय ने कुणाल घोष के साथ सहमति जताते हुए कहा कि बीजेपी पश्चिम बंगाल में कोई भी राजनीतिक हथकंडा अपना कर ‘‘सत्ता पर कब्जा करने के लिए बेताब’’ है।सौगत रॉय ने मीडिया से कहा, ‘‘ बीजेपी अपने कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाने के लिए दिसंबर फोबिया पैदा करने की कोशिश कर रही है। हमने महाराष्ट्र और अन्य राज्यों में देखा है कि पार्टी सत्ता हथियाने के लिए किसी भी स्तर तक गिर सकती है। वे अलगाववाद को हवा दे रहे हैं और राज्य में धन के प्रवाह को रोककर वित्तीय नाकेबंदी कर रहे हैं।’’
आपस में ही लड़ रहे तृणमूल नेता
गौरतलब है कि शुभेंदु अधिकारी ने अगस्त में कहा था कि टीएमसी सरकार दिसंबर तक ‘‘गिर जाएगी’’ और राज्य में विधानसभा चुनाव 2024 में लोकसभा चुनाव के साथ होंगे।बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार सहित पार्टी के शीर्ष नेताओं ने भी कहा था कि दिसंबर में ‘‘अभूतपूर्व’’ राजनीतिक घटनाक्रम होगा।बीजेपी प्रवक्ता सामिक भट्टाचार्य के अनुसार, राज्य की आर्थिक स्थिति चरमरा गई है। उन्होंने कहा ‘‘टीएमसी राजनीतिक अस्थिरता से जूझ रही है, राज्य की वित्तीय हालत चरमरा चुकी है और तृणमूल नेता आपस में ही लड़ रहे हैं। इस सरकार का अस्तित्व ही दांव पर लगा है।’’