मंगलवार सुबह कांग्रेस के दिग्गज नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस का दामन छोड़ दिया छोड़ दिया। जिसके बाद से ही सिंधिया खेमे के कांग्रेस विधायकों का इस्तीफा देने का सिलसिला शुरू हो गया। और शाम तक कांग्रेस के 22 बागी विधायकों ने इस्तीफे दे दिए। जिसके बाद से मध्यप्रदेश में कमलनाथ सरकार पर संकट बना हुआ हैं। जिसे देखते हुए कांग्रेस आलाकमान ने मुकुल वासनिक और हरीश रावत को भोपाल भेजा है।
पर्यवेक्षक बनाकर भोपाल भेजे गए पार्टी के वरिष्ठ नेता हरीश रावत ने बुधवार को कहा कि सभी 22 बागी विधायक पार्टी के संपर्क में हैं और वो भाजपा में नहीं जाएंगे। रावत ने यह आरोप भी लगाया कि कमलनाथ सरकार को अस्थिर करने का प्रयास प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की देखरेख में हो रहा है। उन्होंने दावा किया भाजपा धनशक्ति और प्रभोलन देकर संसदीय लोकतंत्र को समाप्त करना चाहती है। मध्य प्रदेश का घटनाक्रम सत्ता लोलुपता और धनशक्ति के दुरुपयोग का है।
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ये 22 विधायक सिंधिया जी के साथ थे, लेकिन सिंधिया भाजपा में चले गए हैं तो ये विधायक कांग्रेस में रहेंगे। उन्होंने यह आरोप भी लगाया इन विधायकों को भ्रम में बेंगलुरू ले जाया गया। अब उनको बंधक बनाकर रखा गया है। विधायकों के इस्तीफे के बारे में पूछे जाने पर रावत ने कहा ऐसे इस्तीफे का कोई मतलब नहीं है।
यह भाजपा की ओर से रचा गया ड्रामा है। उन्होंने कहा विधायक से संपर्क हुआ है और वो संपर्क में बने हुए हैं। उन्हीं ने संकेत दिया है कि वो भाजपा के साथ नहीं है। रावत ने कहा कमलनाथ सरकार बहुमत साबित करेगी। सभी विधायक एकजुट हैं और सहयोगी दल भी साथ हैं।