झारखंड के गोड्डा में रविवार को बीजेपी कार्यकर्ता पवन साह ने सांसद निशिकांत दुबे का पैर धोकर पी लिया। इतना ही नहीं सांसद ने पैर धोनेवाली फोटो फेसबुक पर भी डाली। इसे लेकर सोशल मीडिया पर उनकी खूब आलोचना हो रही है। दरअसल, झारखंड के गोड्डा संसदीय क्षेत्र से सांसद निशिकांत दुबे एक पुल के शिलान्यास कार्यक्रम में भाग ले रहे थे। इसी दौरान एक बीजेपी कार्यकर्ता ने पहले तो उनके पांव धोए और फिर वह पानी चरणामृत बना कर पी भी गए। सांसद ने फेसबुक पर लिखा-आज मैं अपने आप को बहुत छोटा कार्यकर्ता समझ रहा हूं।
बीजेपी के महान कार्यकर्ता पवन साह ने पुल के शिलान्यास की खुशी में हजारों के सामने मेरा पैर धोया। अपने वादे के अनुसार खुशी से पीया। पोस्ट पर विवाद शुरू हुआ तो फिर उसी तस्वीर के साथ दूसरी पोस्ट डाली-अपनों में श्रेष्ठता बांटी नहीं जाती। कार्यकर्ता यदि खुशी का इजहार पैर धोकर कर रहा है तो क्या गजब हुआ। फिर पांच घंटे बाद पोस्ट को एडिट कर चरणामृत पीने की बात हटा दी। आलोचनाओं का जवाब देते हुए सांसद निशिकांत दुबे ने फेसबुक पर ही एक और पोस्ट लिखा।
इस पोस्ट में दुबे ने कार्यकर्ता के इस कृत्य को सही ठहराते हुए अपने आलोचकों को आड़े हाथों लिया। उन्होंने लिखा- “अपनों में श्रेष्ठता बांटी नही जाती और कार्यकर्ता यदि खुशी का इजहार पैर धोकर कर रहा है तो क्या गजब हुआ?” उन्होंने संस्कृति और परंपरा के हवाले से कहा कि पैर धोना तो झारखंड में अतिथि के लिए होता ही है। सारे कार्यक्रम में आदिवासी महिलाएँ क्या यह नहीं करती हैं? उन्होंने अपनी आलोचना को गलत ठहराते हुए लिखा कि इसे राजनीतिक रंग क्यों दिया जा रहा है? अतिथि के पैर धोना गलत है तो अपने पुरखों से पूछिए कि महाभारत में कृष्ण जी ने क्या पैर नहीं धोए थे? लानत है घटिया मानसिकता पर।सांसद की इस प्रतिक्रिया के बाद लोगों ने और मुखर होकर उनकी आलोचना शुरू कर दी है।