तमिलनाडु की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) इकाई के अध्यक्ष के. अन्नामलाई ने बृहस्पतिवार को दावा किया कि द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) सरकार ने अपने चुनावी वादों को पूरा करने में असमर्थता को छिपाने के लिए ईंधन की कीमतों सहित कई मुद्दों पर केंद्र को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने राज्य सरकार पर अपने चुनावी वादों को पूरा नहीं करने के बहाने बनाने का आरोप लगाया और कहा कि यह “अस्वीकार्य” है।
तमिलनाडु के मुकाबले पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश और गुजरात
जानकारी के मुताबिक अन्नामलाई ने कहा, “पिछले छह महीनों से केंद्र ने पेट्रोल पर 14.5 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 17 रुपये प्रति लीटर कम किए थे, जबकि राज्य सरकार ने केवल तीन रुपये कम किये थे।” उन्होंने दावा किया कि तमिलनाडु के मुकाबले पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश और गुजरात और केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी में ईंधन की कीमतें कम थीं। अन्नामलाई ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान कहा, द्रमुक सरकार द्वारा अपने चुनावी वादों को पूरा करने में असमर्थ रहने के कारण केंद्र सरकार को दोषी कैसे ठहराया जा सकता है?
भाजपा प्रमुख ने कहा कि राज्य के वित्त मंत्री
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक उन्होंने कहा, तमिलनाडु सरकार को केंद्र को दोष देना बंद कर दें। इसके बजाय राज्य सरकार पेट्रोल और डीजल की कीमतों में क्रमशः पांच रुपये और चार रुपये प्रति लीटर और रसोई गैस (एलपीजी) की कीमतों में 100 रुपये की कमी करने के अपने चुनावी वादे को पूरा करने के लिए कदम उठाए, जिसका वादा पिछले साल विधानसभा चुनाव के दौरान किया गया था। भाजपा प्रमुख ने कहा कि राज्य के वित्त मंत्री पलानीवेल थियागा राजन का तमिलनाडु को आवंटन और वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) बकाया के संबंध में केंद्र पर आरोप लगाना “चावल में पूरे कद्दू को छिपाने” जैसा था।
उन्होंने कहा, “द्रमुक सरकार ने खाद्य उत्पादों की कीमतों में अनुचित रूप से वृद्धि की है और आधा सच फैला रही है कि यह जीएसटी परिषद की सिफारिशों के आधार पर थे।”