एक बड़ी खबर सामने आई हैं, जहाँ एक लड़की के पढ़ाई को लेकर दो गुटों के बीच मारपीट हुई हैं, जिसके बाद अब विपक्ष मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर हमलावर हो रहा हैं। मध्यप्रदेश के शाजापुर जिले के एक गांव में दलित नाबालिग लड़की का स्कूल पढ़ने जाना कुछ दबंगों को रास नहीं आया तो उन्होंने उसे रोका, जिस पर दो गुटों में खूनी संघर्ष हो गया, जिसमें पांच लोगों को चोटें आई हैं। कोतवाली थाना क्षेत्र के बावलियाखेड़ा की एक नाबालिग लड़की स्कूल पढ़ने जाती थी। इसी बात को लेकर गांव के कुछ लड़के नाराज थे। लड़की के मुताबिक उसके स्कूल जाने पर ये लेाग रोकते, साथ ही कहते जब गांव की कोई लड़की स्कूल नहीं जाती तो तुम क्यों जाती हो।
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मिली जानकारी के अनुसार पीड़ित द्वारा पुलिस थाने में दर्ज कराई गई शिकायत में बताया गया है कि वह बीते रोज स्कूल से लौट रही थी, तभी गांव के कुछ युवकों ने उसे रोका और उसका किताबों का झोला खींचा। तभी उसके मामा का लड़का आया और उसने विरोध दर्ज कराया तो उसके साथ मारपीट की। इसी बात को लेकर दोनों पक्ष में लाठी डंडो से मारपीट हुई और पांच लोगों को चोटें आई।
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वहीं दूसरे पक्ष ने लड़की के परिजनों पर भी मारपीट करने का मामला दर्ज कराया है। पुलिस ने दोनों पक्षों की रिपोर्ट पर प्रकरण दर्ज कर लिया है और जांच कर रही है। कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष के मिडिया समन्वयक नरेंद्र सलूजा ने कहा है एक तरफ शिवराज सरकार ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ का नारा जोर-शोर से देती है, वहीं दूसरी तरफ प्रदेश के शाजापुर जिले के बावलियाखेड़ी गांव में एक दलित नाबालिग छात्रा को ना सिर्फ स्कूल जाने से रोका गया, बल्कि विरोध करने पर उसके परिजनों की बुरी तरह से पिटाई कर उन्हें घायल कर दिया गया। मामाजी की सरकार में क्या भांजियो को पढ़ने का कोई हक नहीं? सलूजा की मांग है कि इस पूरे मामले की जांच कर दोषियों पर कड़ी कार्रवाई हो। पीड़ित बेटी और उसके परिवार को सम्पूर्ण सुरक्षा दी जाए।