लोकसभा चुनाव 2024

पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

तीसरा चरण - 7 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

94 सीट

चौथा चरण - 13 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

96 सीट

पांचवां चरण - 20 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

49 सीट

छठा चरण - 25 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

सातवां चरण - 1 जून

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

लोकसभा चुनाव पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

बॉम्बे HC ने सीबीआई से देशमुख के खिलाफ परमबीर सिंह के आरोपों की जांच करने को कहा

बॉम्बे हाई कोर्ट ने सीबीआई को निर्देश दिया कि वह महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख पर मुंबई पुलिस के पूर्व आयुक्त परमबीर सिंह द्वारा लगाये गये भ्रष्टाचार एवं कदाचार के आरोपों की प्रारंभिक जांच 15 दिन के भीतर करे।

बॉम्बे हाई कोर्ट ने सीबीआई को निर्देश दिया कि वह महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख पर मुंबई पुलिस के पूर्व आयुक्त परमबीर सिंह द्वारा लगाये गये भ्रष्टाचार एवं कदाचार के आरोपों की प्रारंभिक जांच 15 दिन के भीतर करे। हाई कोर्ट के आदेश के बाद देशमुख ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया।
मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्त और न्यायमूर्ति जी एस कुलकर्णी की पीठ ने कहा कि यह “असाधारण’’ और “अभूतपूर्व’’ मामला है जिसकी स्वतंत्र जांच होनी चाहिए। अपने 52 पन्नों के फैसले में पीठ ने कहा कि देशमुख के खिलाफ सिंह के आरोपों ने राज्य पुलिस पर नागरिकों के भरोसे को दांव पर लगा दिया है।
अदालत ने कहा कि एक सेवारत पुलिस अधिकारी द्वारा राज्य के गृह मंत्री के खिलाफ लगाए गए ऐसे आरोपों को बिना जांच के नहीं रहने दे सकते और जहां इसमें जांच की जरूरत होगी, यदि प्रथम दृष्टया, तो वे संज्ञेय अपराध का मामला बना सकते हैं।
अदालत ने कहा कि मौजूदा मामले में एक स्वतंत्र एजेंसी से जांच कराया जाना जरूरी है जिससे “लोगों का भरोसा कायम रहे और नागरिकों के मूलभूत अधिकारों की सुरक्षा हों।” पीठ ने अपना फैसला पिछले महीने दायर तीन जनहित याचिकाओं (पीआईएल) और एक आपराधिक रिट याचिका पर दिया जिनमें मामले की सीबीआई जांच और कई अन्य राहतों की मांग की गई थी।
इनमें से एक याचिका खुद सिंह ने दायर की है जबकि दो अन्य याचिकाएं वकील घनश्याम उपाध्याय और स्थानीय शिक्षक मोहन भिडे ने दायर की थी। आपराधिक रिट याचिका शहर में स्थित वकील जयश्री पाटिल ने जायर की थी। उच्च न्यायालय ने पाटिल की याचिका पर सीबीआई जांच का आदेश दिया।
अदालत ने सभी याचिकाओं का निस्तारण भी कर दिया। सिंह ने 25 मार्च को देशमुख के खिलाफ सीबीआई जांच का अनुरोध करते हुए याचिका दायर की थी जिसमें उन्होंने दावा किया कि देशमुख ने निलंबित पुलिस अधिकारी सचिन वाजे समेत अन्य पुलिस अधिकारियों को बार और रेस्तरां से 100 करोड़ रुपये की वसूली करने को कहा।
देशमुख ने इन आरोपों से इनकार किया है। राज्य सरकार का पक्ष रख रहे महाधिवक्ता आशुतोष कुंभकोनी ने अदालत से याचिकाओं को विचार करने योग्य नहीं बताते हुए उन्हें रद्द करने का अनुरोध किया। कुंभकोनी ने कहा कि सिंह ने व्यक्तिगत बदला लेने के लिये जनहित याचिका दायर की है।
उन्होंने कहा कि इसके अलावा मामले में अब तक कोई प्राथमिकी नहीं हुई है ऐसे में सीबीआई जांच के आदेश नहीं दिये जा सकते। जयश्री पाटिल ने हालांकि अदालत को बताया कि उन्होंने 21 मार्च को मालाबार पुलिस थाने में देशमुख और सिंह दोनों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी लेकिन पुलिस प्रारंभिक जांच और प्राथमिकी दर्ज करने में नाकाम रही।
पाटिल की शिकायत के आधार पर पुलिस के प्रारंभिक जांच भी नहीं करने पर पीठ ने कहा कि उसे निश्चित रूप से हस्तक्षेप करना चाहिए और राहत देनी चाहिए। अदालत ने यह भी कहा कि आरोपों की प्रकृति और उसके बाद की कार्यवाही अभूतपूर्व थी और ऐसा याचिकाओं पर सुनवाई कर रहे दोनों न्यायाधीशों ने पहले कभी नहीं देखा।
पीठ ने कहा, “यह कहा जाता है कि कोई भी समय को नहीं देख सकता, लेकिन कई बार समय हमें चीजों के अनदेखा होने से पहले उन्हें दिखा देता है। सच है।” अदालत ने कहा कि राज्य सरकार ने यद्यपि मामले की जांच के लिये उच्चस्तरीय समिति के गठन का आदेश दिया है, पाटिल की शिकायत के आधार पर कानून के मुताबिक जांच जरूरी है।
उच्च न्यायालय ने कहा कि पुलिस का एक गृह मंत्री और एक सेवारत पुलिस अधिकारी के खिलाफ जांच करना बहुत उचित नहीं होगा, ऐसे में यह सीबीआई जांच का आदेश करने के लिये उचित मामला है। अदालत ने कहा कि चूंकि राज्य सरकार ने मामले में पहले ही उच्च स्तरीय समिति से जांच कराने के आदेश दे दिए हैं इसलिए केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को मामले में तत्काल प्राथमिकी दर्ज करने की जरूरत नहीं है।
पीठ ने कहा कि सीबीआई को प्रारंभिक जांच 15 दिन के भीतर पूरी करनी होगी और फिर आगे की कार्रवाई पर फैसला लेना होगा। अदालत ने सोमवार को कहा, “हम इस बात पर सहमत हैं कि अदालत के सामने आया यह अभूतपूर्व मामला है..देशमुख गृह मंत्री हैं जो पुलिस का नेतृत्व करते हैं….स्वतंत्र जांच होनी चाहिए…लेकिन सीबीआई को तत्काल प्राथमिकी दर्ज करने की जरूरत नहीं है।”

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

nine − 9 =

पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।