महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख और उनके सहयोगियों के साथ साठगांठ को लेकर पुलिसकर्मियों के ट्रांसफर तथा सचिन वाजे की बहाली मामले में सीबीआई जांच कर सकती है। बॉम्बे हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति एस एस शिंदे और न्यायमूर्ति एन जे जामदार की खंडपीठ ने गुरुवार को देशमुख के खिलाफ सीबीआई द्वारा दर्ज एफआईआर के दो पैराग्राफ को रद्द करने की महाराष्ट्र सरकार की याचिका को खारिज करते हुए यह बात कही।
एक पैराग्राफ राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) नेता अनिल देशमुख के खिलाफ सचिन वाजे द्वारा लगाए गए आरोपों से संबंधित है। वहीं, दूसरा पैराग्राफ पुलिस कर्मियों के ट्रांसफर और तैनाती में भ्रष्टाचार से संबंधित है। हाई कोर्ट ने कहा, ‘‘हमारे विचार में जांच एजेंसी (सीबीआई) पुलिस कर्मियों के स्थानांतरण और तैनाती तथा 15 साल बाद पुलिस बल में सचिन वाजे की बहाली के मामले में वैध रूप से जांच कर सकती है…।’’
सीबीआई ने इस साल 21 अप्रैल को देशमुख के खिलाफ भ्रष्टाचार और पद के दुरुपयोग के कथित आरोपों को लेकर एफआईआर दर्ज की थी। एजेंसी ने पांच अप्रैल को हाई कोर्ट के एक आदेश पर एनसीपी नेता के खिलाफ प्रारंभिक जांच करने के बाद एफआईआर दर्ज की थी। उसके बाद देशमुख ने राज्य के गृह मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था। एनसीपी नेता ने हालांकि कहा था कि उन्होंने कोई गलत काम नहीं किया है।