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समीर वानखेड़े की याचिका पर तत्काल सुनवाई से हाई कोर्ट का इनकार, मुंबई पुलिस ने जारी किया नोटिस

समीर वानखेड़े की ओर से एक दिन पहले दायर की गई याचिका को कोर्ट की मंजूरी के बिना सुनवाई के लिए कैसे सूचीबद्ध करने पर बॉम्बे हाई कोर्ट ने नाराजगी जाहिर की।

एनसीबी मुंबई जोन के पूर्व निदेशक समीर वानखेड़े को दोहरा झटका लगा है। वानखेड़े की ओर से एक दिन पहले दायर की गई याचिका को कोर्ट की मंजूरी के बिना सुनवाई के लिए कैसे सूचीबद्ध करने पर बॉम्बे हाई कोर्ट ने नाराजगी जाहिर की। वहीं मुंबई पुलिस ने बार लाइसेंस लेने के लिए फर्जीवाड़ा मामले में 23 फरवरी को पेश होने लिए नोटिस जारी किया है।
 वानखेड़े ने रद्द किये गए लाइसेंस को बहाल करने का अनुरोध करते हुए याचिका दायर की थी। न्यायमूर्ति पटेल ने कहा, “हमारे पास सोमवार को इस याचिका का उल्लेख नहीं किया गया था तब आज इसे सूचीबद्ध कैसे किया गया?” वानखेड़े की वकील वीणा थडानी ने कोर्ट  को बताया कि वह सोमवार को इस मामले का उल्लेख किये जाने की प्रतीक्षा कर रहे थे लेकिन कोर्ट के अधिकारियों ने कहा कि इसे मंगलवार को सूचीबद्ध किया जाएगा। इसके बाद पीठ ने कोर्ट के अधिकारियों को ऐसा नहीं करने की चेतावनी दी। 

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न्यायमूर्ति गौतम पटेल और न्यायमूर्ति माधव जामदार की खंडपीठ ने याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया और कहा कि यह कोई बेहद जरूरी मामला नहीं है। वानखेड़े 2008 बैच के आईआरएस अधिकारी हैं और उन्होंने सोमवार को एक याचिका दायर की थी जिसमें ठाणे आबकारी कलक्टर के उस आदेश को चुनौती दी गई थी जिसके तहत नवी मुंबई में वानखेड़े के रेस्तरां और बार में शराब परोसने के लाइसेंस को रद्द कर दिया गया था। 
न्यायमूर्ति जामदार ने कहा, “एक गरीब व्यक्ति याचिका दायर करता है और मामला कभी सुनवाई के लिए नहीं आता और जब कोई प्रभावशाली व्यक्ति याचिका दायर करता है तो उसकी याचिका सुनवाई के लिए तत्काल सूचीबद्ध कर दी जाती है।” पीठ ने पूछा, “इसमें ऐसी क्या बेहद जरूरी बात थी? कौन सा आसमान टूट रहा था?” इस मामले में प्रतिवादी एवं महाराष्ट्र सरकार के मंत्री नवाब मलिक की ओर से पेश हुए वकील फिरोज भरुचा ने याचिका की एक प्रति मांगी और उसका जवाब देने के लिए समय मांगा। 
भरुचा ने कहा, “मंत्री के विरुद्ध गलत आरोप लगाए गए हैं।” कोर्ट ने कहा कि उक्त याचिका पर तत्काल सुनवाई नहीं होगी और बाद में इस पर सुनवाई की जाएगी। न्यायमूर्ति पटेल ने कहा, “केवल इसलिए कि आप दोनों (वानखेड़े और मलिक) के बीच मीडिया में वाक्युद्ध चल रहा है, हमें तत्काल सुनवाई करनी होगी?” याचिका में वानखेड़े ने दावा किया है कि उन्होंने स्वापक नियंत्रण ब्यूरो (एनसीबी) की मुंबई इकाई के प्रमुख रहते हुए मलिक के रिश्तेदार को गिरफ्तार किया था। इसलिए उनके विरुद्ध बदले की भावना से कार्रवाई की गई। 
23 फरवरी को होना है पेश
मुंबई पुलिस ने वानखेड़े को नोटिस जारी करते हुए ठाणे स्थित कोपारी पुलिस स्टेशन में 23 फरवरी को पेश होने कहा है। यह नोटिस बार लाइसेंस लेने के लिए फर्जीवाड़ा और धोखाधड़ी के मामले में जारी किया गया है। इस मामले में उनके खिलाफ पूर्व में FIR भी दर्ज की जा चुकी है। ठाणे के कलेक्टर ने इस मामले में हाल ही में नवी मुंबई में स्थित बार का लाइसेंस भी रद्द किया था।

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