बॉम्बे हाई कोर्ट ने नगर निगम की 14,000 करोड़ रुपये की तटीय सड़क परियोजना को दी गयी तटीय विनियमन क्षेत्र (सीआरजेड) मंजूरी मंगलवार को रद्द कर दी। अदालत के इस फैसले का अर्थ है कि अब बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) 29.2 किलोमीटर लंबी परियोजना पर कार्य जारी नहीं रख सकती है।
परियोजना में दक्षिण मुंबई के मरीन ड्राइव इलाके और उत्तर मुंबई के उपनगरीय बोरीवली इलाके को जोड़ने का प्रस्ताव था। मुख्य न्यायाधीश प्रदीप नंदराजोग और न्यायमूर्ति एन एम जामदार की खंडपीठ ने परियोजना के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुनवाई के बाद इसे रद्द किया। इस परियोजना को कई कार्यकर्ताओं, निवासियों एवं शहर के मछुआरों ने चुनौती दी थी।
पीठ ने कहा, “परियोजना के लिये दी गयी तटीय विनियमन क्षेत्र की मंजूरी को रद्द किया जाता है। हम मानते हैं कि परियोजना के लिये पर्यावरण मंजूरी आवश्यक है।” बीएमसी के वकील डेरियस खम्बाटा ने इस आदेश पर रोक का अनुरोध किया था ताकि वे उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर कर सकें। हालांकि अदालत ने उनके इस अनुरोध को ठुकरा दिया।
अप्रैल में उच्च न्यायालय ने बीएमसी पर परियोजना से संबंधित अन्य कोई कार्य शुरू करने से रोक दिया था, जिसके बाद निगम ने उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर की थी। उच्चतम न्यायालय ने मई में निगम को मौजूदा कार्य जारी रखने की अनुमति दी थी लेकिन कोई और कार्य शुरू करने पर रोक लगा दी। इसके बाद शीर्ष अदालत ने उच्च न्यायालय को अंतिम सुनवाई के लिये याचिकाओं पर सुनवाई शुरू करने का निर्देश दिया था।