बंबई हाई कोर्ट ने बीजेपी के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार में मंत्रियों के पद पर राधाकृष्ण विखे पाटिल और दो अन्य की नियुक्ति को रद्द करने से शुक्रवार को इनकार कर दिया लेकिन साथ ही कहा कि राजनीतिक लाभ के लिए ऐसी नियुक्तियां नैतिक रूप से सही नहीं है।
न्यायमूर्ति एस सी धर्माधिकारी और न्यायमूर्ति जी एस पटेल की खंडपीठ ने अपने फैसले में कहा कि इस साल लोकसभा चुनाव के बाद बीजेपी को सबसे ज्यादा वोट मिले जिससे अन्य राजनीतिक दल के नेता पार्टी में शामिल होने के लिए प्रेरित हुए होंगे।
पीठ ने विखे पाटिल, राकांपा से शिवसेना में आए जयदत्त क्षीरसागर और आरपीआई (ए) नेता अविनाश महातेकर की राज्य में देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व वाली सरकार में मंत्री पद पर नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी। बीजेपी में शामिल होने तक महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता रहे विखे पाटिल को जून में फडणवीस मंत्रिमंडल में आवासीय मंत्री बनाया गया।
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कोर्ट ने कहा, ‘‘मंत्रियों को महज राजनीतिक लाभ और सुविधा के लिए राज्य विधानसभा में शामिल किया गया। हम इसका समर्थन नहीं करते। जो भी किया गया वह शायद नैतिक रूप से सही न हो और शायद राजनीतिक योजना हो लेकिन हम मंत्रियों को अयोग्य करार नहीं दे सकते।’’