बॉलीवुड के दिवंगत अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत केस की मीडिया कवरेज को लेकर बॉम्बे हाई कोर्ट ने सोमवार को सुनवाई की। हाई कोर्ट ने मीडिया हाउसेज के खिलाफ सख्त रुख अपनाते हुए आत्महत्या के मामलों की रिपोर्टिंग के दौरान संयम बरतने की नसीहत दी है।
चीफ जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस जीएस कुलकर्णी ने कहा कि सुशांत सिंह की मौत के बाद रिपब्लिक टीवी और टाइम्स नाउ की कुछ रिपोर्टिंग मानहानिकारक थी। हालांकि, बेंच ने कहा कि इसने फिर भी चैनलों के खिलाफ कार्रवाई का फैसला नहीं किया है।
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उन्होंने कहा कि मीडिया ट्रायल केबल टीवी नेटवर्क नियमन कानून के तहत कार्यक्रम नियमावली का उल्लंघन करता है। कोर्ट ने आगे कहा कि जब तक कि कुछ नए दिशानिर्देशों को तैयार नहीं किया जाता है तब तक आत्महत्या के मामलों में इलेक्ट्रॉनिक मीडिया द्वारा भारतीय प्रेस परिषद (पीसीआई) के दिशानिर्देशों का पालन किया जाना चाहिए।
कोर्ट ने कहा, ”कोई भी खबर जर्नलिज्म के मानकों और नैतिकता संबंधी नियमों के अनुरूप ही होनी चाहिए अन्यथा मीडिया हाउसेज को मानहानि संबंधी कार्रवाई का सामना करना होगा।” हाई कोर्ट ने आत्महत्या के मामलों में खबर दिखाने को लेकर मीडिया हाउसेज के लिए कई दिशा-निर्देश भी जारी किए।