बॉम्बे हाईकोर्ट ने गुरुवार को महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के उस आदेश को रद्द कर दिया, जिसमें एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार के पोते और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के विधायक रोहित पवार द्वारा नियंत्रित फैक्ट्री को बंद करने का निर्देश दिया गया था।
न्यायमूर्ति नितिन इनामदार और न्यायमूर्ति मंजूषा देशपांडे की खंडपीठ ने एमपीसीबी को रोहित पवार द्वारा संचालित चीनी फैक्ट्री बारामती एग्रो लिमिटेड को 27 सितंबर के दिए गए नोटिस पर पुनर्विचार करने के लिए कहा है।
यह राजनीतिक दबाव बनाने के लिए जारी किया
27-28 सितंबर की रात को दिए गए आदेश के तहत एमपीसीबी ने फैक्ट्री को 72 घंटों के भीतर डिस्टिलरी यूनिट के लिए अपनी विनिर्माण सुविधा बंद करने के लिए कहा। नोटिस को रोहित पवार ने यह तर्क देते हुए उच्च न्यायालय में चुनौती दी कि यह राजनीतिक दबाव बनाने के लिए जारी किया गया, क्योंकि वह शरद पवार गुट के हैं।
बारामती एग्रो लिमिटेड
29 सितंबर को हाईकोर्ट ने एमपीसीबी को मामले की अगली सुनवाई तक अपने निर्देशों पर अमल नहीं करने का आदेश दिया था। वकील अक्षय शिंदे के माध्यम से दायर याचिका में बारामती एग्रो लिमिटेड, जिसने 2007-2008 में परिचालन शुरू किया था, ने कहा कि उसे 2022 में पर्यावरण मंजूरी दी गई थी, हालांकि हाल के निरीक्षण के दौरान एमपीसीबी ने कुछ कथित अनियमितताओं का पता लगाया और 15 साल पुरानी फैक्ट्री को बंद करने का आदेश दिया।