बिहार के मुजफ्फरपुर बालिका आश्रय गृह में लड़कियों के साथ यौनाचार मामले के मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर ने इस मामले में बुधवार को खुद को निर्दोष बताते हुए कहा कि वह कांग्रेस से चुनाव लड़ना चाहते थे, इस कारण उन्हें राजनीतिक साजिश के तहत फंसाया गया।
मुजफ्फरपुर अदालत में पेश होने आए ठाकुर ने संवाददाताओं से बातचीत में मंजू वर्मा से गहरे रिश्ते से इंकार किया और कहा कि उनका समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा के पति से केवल व्यवहारिक संबंध था। उन्होंने कहा, ‘यह लगभग तय था कि मैं कांग्रेस में शामिल होने वाला था। दिल्ली के कई नेताओं से मेरी बात चल रही थी, यह सब इसलिए भी हो रहा है। आश्रय गृह की किसी भी लड़की ने मेरा नाम नहीं लिया है, इसकी जांच कराई जा सकती है।’
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इस बीच, ब्रजेश ठाकुर को जब पेशी के लिए अदालत लाया जा रहा था, महिलाओं ने उन पर स्याही फेंफी। इसके बाद अदालत परिसर में अफरातफरी की स्थिति उत्पन्न हो गई। हालांकि बाद में अदालत की सुरक्षा बढ़ा दी गई। उल्लेखनीय है कि बालिका आश्रय गृह मामले के गिरफ्तार ब्रजेश ठाकुर समेत 10 आरोपियों को पेशी के लिए मुजफ्फरपुर अदालत में लाया गया था।
‘सेवा संकल्प एवं विकास समिति’ द्वारा संचालित बालिका आश्रय गृह में 34 लड़कियों से दुष्कर्म की बात एक सोशल ऑडिट में सामने आई थी। बिहार समाज कल्याण विभाग ने मुंबई के टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज (टीआईएसएस) द्वारा बिहार के सभी आश्रय गृहों का सर्वेक्षण करवाया था, जिसमें यौन शोषण का मामला सामने आया था।
इस सोशल अडिट के आधार पर मुजफ्फरपुर महिला थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई गई। इसके बाद पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए संस्था के संरक्षक ब्रजेश ठाकुर समेत 10 लोगों को गिरफ्तार कर लिया। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सिफारिश के बाद केंद्रीय जांच ब्यूरो ने इस आश्रय गृह दुष्कर्म मामले की जांच संभाल ली।