शिवसेना में दोफाड़ होने के बाद से ही कार्यकर्ता शिंदे गुट का दामन थाम रहे हैं, टूट के बाद शुरूआत से ही शिंदे गुट में भारी संख्या में शिवसेना कार्यकर्ता शामिल हो रहे हैं। सरकार बनने के बाद से ही उद्धव ठाकरे का अपने गुट मे सियासी इकबाल कम होता जा रहा हैं। शिंदे गुट ने उद्धव गुट को मुंबई के ऐसे इलाके में झटका दिया हैं जंहा से खुद आदित्य ठाकरे विधायक हैं। ऐसे में आदित्य ठाकरे की आने वाले दिनों में मुश्किल बढ़ सकती हैं। मुंबई का वर्ली इलाका शिवसेना का कभी गढ़ रहता था, लेकिन टूट के बाद से ही पार्टी कार्यकर्ता एक -दूसरे के गुट में ताकझांक करने में लगे हुए हैं। शिंदे गुट में शामिल होने वाले सभी 3000 कार्यकर्ता वर्ली इलाके के ही हैं। पूर्व में दोनों गुट दशहरा रैली करने के लिए कोर्ट में आमने -सामने आ गए थे। लेकिन बीएमसी से दोनों गुटों को शिवाजी मैदान में रैली करने की अनुमति नहीं दी थी ।
आपको बता दे की शिंदु गुट कार्यकर्ता के अलावा उद्धव के भरोसेमंद लोगों को अपने साथ मिलाने का प्रयास कर रही हैं । उद्धव ठाकरे के भरोसेमंद शिवसैनिक मिलिंद नार्वेकर खबरों के अनुसार शिंदे के साथ जुड़ सकते हैं। उससे पहले शिंदे गुट ने ठाकरे परिवार के बेहद करीबी रहे चंपा सिंह थापा को अपने साथ जोड़ा था।
आपको बता दे की शिंदु गुट कार्यकर्ता के अलावा उद्धव के भरोसेमंद लोगों को अपने साथ मिलाने का प्रयास कर रही हैं । उद्धव ठाकरे के भरोसेमंद शिवसैनिक मिलिंद नार्वेकर खबरों के अनुसार शिंदे के साथ जुड़ सकते हैं। उससे पहले शिंदे गुट ने ठाकरे परिवार के बेहद करीबी रहे चंपा सिंह थापा को अपने साथ जोड़ा था।
दशहरा रैली करने में खुशी नहीं जता पा रही हैं उद्धव गुट वाली शिवसेना
सुप्रीमकोर्ट दशहरा पर रैली करने के लिए अनुमति मिलने के बावजूद उद्धव ठाकरे गुट खुशी नहीं जता पा रही हैं , दरअसल उद्धव ठाकरे के भरोसेमंद नेता ही लगातार टूट का शिकार हो रहे हैं । दशहरा रैली शिवसेना के इतिहास में हर वर्ष की जाती हैैं , जिसमें पूरे देश के शिवसैनिक भाग लेते हैं। लेकिन अबकी बार दशहरा रैली फिकी रहने की उम्मीद हैं ।
सुप्रीमकोर्ट दशहरा पर रैली करने के लिए अनुमति मिलने के बावजूद उद्धव ठाकरे गुट खुशी नहीं जता पा रही हैं , दरअसल उद्धव ठाकरे के भरोसेमंद नेता ही लगातार टूट का शिकार हो रहे हैं । दशहरा रैली शिवसेना के इतिहास में हर वर्ष की जाती हैैं , जिसमें पूरे देश के शिवसैनिक भाग लेते हैं। लेकिन अबकी बार दशहरा रैली फिकी रहने की उम्मीद हैं ।