मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के एक निजी कॉलेज में पढ़ने वाले छात्र निशांक राठौर का रायसेन जिले के रेलवे ट्रैक पर शव मिलने का मामला गहरा गया है। इसकी वजह है उसके मोबाइल का एक मैसेज जिसमें लिखा है, ‘राठौर साहब, बहुत बहादुर था आपका बेटा, गुस्ताख-ए-नबी की इक सजा, सर तन से जुदा’। ये भी बात सामने आ रही है कि उसकी मौत की वजह कहीं क्रिप्टोकरेंसी तो नहीं। पुलिस मामले की जांच में जुटी है।
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पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार, रविवार की रात को भोपाल-नर्मदा पुरम रेलखंड पर मिडघाट और बरखेड़ा के बीच राजधानी के निजी इंजीनियरिंग कॉलेज के छात्र निशांक राठौर का शव मिला था। इसके पास ही सड़क किनारे पर पुलिस ने स्कूटर और मोबाइल बरामद किया था। छात्र का शव मिलने से पहले लगभग दो घंटे पहले निशांक के मोबाइल से उसके पिता उमाशंकर राठौर के मोबाइल पर एक मैसेज भेजा गया था, जिसमें लिखा था, ‘राठौर साहब बहोत बहादुर था आपका बेटा, गुस्ताख ए नबी की एक सजा, सर तन से जुदा’। इस मैसेज ने पूरे मामले को रहस्यमय बना दिया है।
पिता का दवा, बेटा नहीं कर सकता आत्महत्या
रायसेन जिले के ओबैदुल्लागंज के अनुविभागीय अधिकारी पुलिस मलकीत सिंह ने आईएएनएस को बताया कि निशांक की रेल से कटकर मौत हुई है, उसके पैर कटे हैं और कमर में भी चोट है, जिससे प्राथमिक तौर पर पता चलता है कि वह रेल की चपेट में आया था। उन्होंने आगे कहा कि जहां तक उसके मोबाइल पर आए मैसेज की बात है तो उसकी जांच में पुलिस लगी हुई है। निशांक के घर का नाम बिट्टू था और उसे इसी नाम से घर के लोग पुकारते थे।
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पुलिस की प्रारंभिक जांच में यह बात सामने आई है कि निशांक ने क्रिप्टोकरेंसी में निवेश किया था। कुछ विशेष धर्म के लोगों से रकम भी उधार ले रखी थी। वो उसे फोन कर पैसे वापस करने का दबाव बनाते रहते थे। यह बात निशांक के दोस्तों ने भोपाल पुलिस को भी बताई है। पुलिस के अनुसार, जब निशांक के पिता के मोबाइल पर अजीबो गरीब मैसेज आए तब उसके देास्तों ने टीटीनगर पुलिस को सूचना दी, उसके बाद ही निषांक की तलाश की गई और उसके मोबाइल की लोकेशन बरखेड़ा क्षेत्र में मिली। पुलिस मौके पर पहुंची तो उसका शव मिला। साथ ही मोबाइल व दो पहिया वाहन मिला। इस बीच निशांक के पिता ने कहा है कि उनका बेटा आत्महत्या नहीं कर सकता।