हरिद्वार, (पंजाब केसरी): एचआरडीए के भ्रष्ट सहायक अभियंता द्वारा जनपद में भूमाफियाओं से मिलीभगत करके अवैध कालोनियों व आवासीय क्षेत्रों में व्यवसायिक निर्माण कार्य कराया जा रहा है। एई की भ्रष्ट कार्यशैली की वजह से प्रदेश सरकार की छवि धूमिल करने के साथ भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिल रहा है। एचआरडीए में एई पद पर कार्यरत पंकज पाठक अवैध निर्माणों में अपने वीसी व सचिव का नाम लेकर लोगों से पैसा उगाही कर रहे हैं। हरिद्वार की जनता उक्त एई भ्रष्ट कार्यशैली से त्रस्त है और एचआरडीए के अधिकारी उक्त एई के खिलाफ कोई कार्रवाही नहीं कर रहे हैं। यह आरोप एक ज्ञापन के माध्यम से एक पीड़ित महिला सहित सैकड़ों व्यापारियों ने लगाकर तत्काल प्रभाव से भ्रष्ट एई को हटाने की मांग की है। ज्ञापन में कहा गया है कि बुलाडे के भवन पर उक्त एई ने अन्य व्यक्ति से पैसा लेकर कब्जा करा दिया है। महिला द्वारा अपनी शिकायत भी दर्ज कराई थी, लेकिन विभाग द्वारा आरोपी एई से ही जांच कराकर मामले को दबा दिया गया।ज्ञापन में आगे कहा गया है कि श्यानपुर बाढ़ग्रस्त क्षेत्र तथा कुसुम विहार कालोनी जगजीतपुर कनखल में सील कालोनी में सांठ-गांठ से मानचित्र स्वीकृत कर उक्त एई भ्रष्टाचार का नंगा नाच अधिकारियों की नाक के नीचे खेला जा रहा है और यह एक या दो मामले नहीं है ऐसे शहर और देहात में दर्जनों मामले हैं। उक्त अधिकारी अवैध निर्माणों में भूमाफियाओं के साथ संलिप्तता भी रखता है, जिसके विषय में आपके विभागीय अधिकारियों को भी जानकारी हैं परन्तु एई के भ्रष्टाचार पर अधिकारी मौन हैं ? उक्त एई के विषय में तमाम शिकायतें एचआरडीए में लम्बित पड़ी हैं आखिर उन शिकायतों पर कार्यवाही कब होगी ? ज्ञापन के माध्यम से समस्त प्रकरण का संज्ञान लेकर एचआरडीए के महाभ्रष्ट अधिकारी को हरिद्वार जनपद से हटाकर अन्य जनपद में स्थानांतरित करने की कार्रवाही की मांग की गयी है तथा पंकज पाठक की एचआरडीए में प्रतिनियुक्ति व स्थाई नियुक्ति की भी जांच कराने की मांग की गयी। कार्रवाई न होने की दशा में सड़क पर उतरकर उग्र आंदोलन की चेतावनी भी दी गयी है। गौरतलब है कि पूर्व में उपाध्यक्ष रहे आईएएस दीपक रावत ने भी एई पंकज पाठक को भ्रष्ट कार्यशैली व अवैध निर्माणों को बढ़ावा देने के आरोपों के चलते मूल विभाग के लिए कार्यमुक्त कर दिया था। देने वालों में प्रमुख थे बुला डे, कनखल व्यापार मंडल अध्यक्ष योगेश भारद्वाज, अनिल नौटियाल, हिमांशु, कपिल, नवीन अग्रवाल, लोकेश शर्मा, सचिदानन्द डबराल, पारस शर्मा सहित सैकड़ों व्यापारीगण।