त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा ने प्रदेश में होने वाले उपचुनावों को राज्य में सत्तारूढ़ भाजपा के लिए रविवार को अग्नि परीक्षा बताया। उन्होंने उम्मीद जतायी कि मतदाता उन लोगों को करारा जवाब देंगे, जिनके कारण ‘बेवक्त चुनाव’ कराना पड़ रहा है।
बेहतर होता अगर उपचुनाव टाले जाते – माणिक साहा
अगरतला, टाउन बारदोवाली (पश्चिम त्रिपुरा जिला), सूरमा (धलाई) और जुबराजनगर (उत्तरी त्रिपुरा) विधानसभा क्षेत्रों के लिए 23 जून को उपचुनाव होना है । इसके परिणाम 26 जून को घोषित किए जाएंगे। प्रदेश की 60 सदस्यीय विधानसभा के लिये चुनाव अगले साल की शुरुआत में होगा । साहा ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘बेहतर होता कि उपचुनाव टाले जाते क्योंकि अगले छह महीने में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं।’’
दल बदलने वालो को जनता करारा जवाब देंगी
साहा ने मई में बिप्लब कुमार देब के स्थान पर प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में कार्यभार संभाला था। वह स्वयं टाउन बारदोवाली सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। साहा ने दल बदलने वालों के बारे में कहा, ‘‘मतदाता उन्हें करारा जवाब देंगे, जिनके कारण उपचुनाव हो रहा है ।’’ भाजपा के तीन विधायकों के पार्टी छोड़ने तथा माकपा के एक विधायक की मौत के बाद उपचुनाव कराने की जरूरत पड़ी है।
भाजपा हर चुनाव को अंतिम मानती हैं
उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि भाजपा हर चुनाव को अंतिम मानती है, आगामी उपचुनाव सत्तारूढ़ भाजपा के लिए अग्नि परीक्षा की तरह होंगे। यदि उपचुनाव के लिए हमारी रणनीति सफल होती है, तो हम इसे अगले साल के विधानसभा चुनावों में दोहराएंगे, अन्यथा हमें इसमें बदलाव लाना होगा ।’’
उपचुनावों में भाजपा की बढ़त का दावा करते हुये साहा ने कहा कि लोगों की प्रतिक्रिया उत्साहजनक लगती है। उन्होंने कहा, ‘‘उम्मीदवारों की घोषणा के बाद कोई परेशानी नहीं हुई है। भाजपा के सभी उम्मीदवार सोमवार को अपना नामांकन पत्र जमा करेंगे। पर्चा दाखिल करने के दौरान अगर देब मौजूद रहते हैं तो इससे आश्चर्यचकित न हों।’’पूर्व मुख्यमंत्री फिलहाल अपने परिवार के साथ दिल्ली में हैं।