कोलकाता के एक सरकारी अस्पताल में सोमवार रात 75 वर्षीय एक मरीज की मौत के बाद उसके रिश्तेदारों और अस्पताल के जूनियर डॉक्टरों के बीच झड़प हुई। रिश्तेदारों ने जूनियर डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाया। पुलिस ने मंगलवार को बताया कि झड़प में नील रतन सरकार मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल का एक इंटर्न घायल हो गया। बेहतर सुरक्षा की मांग को लेकर जूनियर डॉक्टरों के धरने पर बैठने के कारण अस्पताल की नियमित सेवाएं प्रभावित हुईं। पुलिस ने बताया कि टांगड़ा के रहने वाले मोहम्मद शाहिद के परिजन ने बुजुर्ग की मौत के बाद कुछ जूनियर डॉक्टरों पर कथित तौर पर हमला किया।
घटना सोमवार रात करीब 11 बजे की है, जिसके नतीजतन झड़प हुई और अस्पताल परिसर जंग के मैदान में तब्दील हो गया। उन्होंने बताया कि शाहिद के परिजन शव को सुपुर्द करने में देरी को लेकर भी नाराज थे। कोलकाता के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि एंताल्ली पुलिस थाना से पुलिसकर्मियों की एक बड़ी टीम ने वहां पहुंचकर मामले में दखल दिया और हालात को काबू में करने के लिये लाठीचार्ज किया। पुलिस ने बताया कि 50 से अधिक डॉक्टरों ने सोमवार रात अस्पताल के गेट को बंद कर दिया और ‘‘सुरक्षा’’ की मांग को लेकर धरने पर बैठ गये। उन्होंने बताया कि इंटर्न की हालत गंभीर बतायी जाती है। उसे उसी अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
जूनियर डॉक्टरों के अपना प्रदर्शन जारी रखने के कारण अस्पताल की सेवाएं तथा आपात सेवाएं मंगलवार को प्रभावित रहीं। पश्चिम बंगाल के चिकित्सा शिक्षा विभाग के निदेशक डॉ. प्रदीप कुमार मित्रा ने अस्पताल का दौरा किया और धरने पर बैठे डॉक्टरों को इस व्यर्थ के प्रदर्शन को वापस लेने की अपील की। राज्य की स्वास्थ्य मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य ने भी अस्पताल का दौरा किया और उन्हें प्रदर्शनकारियों के विरोध का सामना करना पड़ा। प्रदर्शनकारियों ने नारे लगाये और अपने लिये बेहतर सुरक्षा की मांग की। इस बीच, अन्य अस्पतालों के जूनियर डॉक्टर भी अपने सहयोगियों के समर्थन में प्रदर्शन में शामिल हुए।