कोटद्वार : कड़े वन कानूनों में फंसी लालढांग-चिल्लरखाल-कालागढ़-रामनगर मार्ग कंडी मार्ग निर्माण का मामला पहली बार संसद में गूंजा। गत दिवस यह मामला संसद में गूंजने पर क्षेत्र वासियों में खुशी जताई। लोगों ने गढ़वाल सांसद तीरथ सिंह रावत का आभार जताया कहा कि बिना केंद्र के सहयोग से इस सड़क का निर्माण संभव नहीं है।
गढ़वाल सांसद तीरथ सिंह रावत ने कंडी मार्ग के इतिहास और भूगोल की महत्ता बताते हुए इसके निर्माण की नितांत जरूरत बताते हुए शून्यकाल में यह मामला लोकसभा में उठाया। लोकसभा में यह मामला उठाने से कोटद्वार से लेकर कालागढ़ और कुमाऊं मंडल तक के लोगों में खुशी जताई है। कहा कि वर्तमान सरकार की ओर से कंडी मार्ग के महत्वपूर्ण प्रथम भाग लाल ढंग चिल्लर काल मार्ग का निर्माण शुरू कराया गया लेकिन एनटीसीए और राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड की सहमति न होने से मामला फंस गया। जिससे क्षेत्र में निराशा का माहौल है।
पूर्व जिला अध्यक्ष जिला अध्यक्ष धीरेंद्र चौहान ने भी कंडी मार्ग का मामला संसद में उठने को अच्छा संकेत बताया। नागरिक मंच के अध्यक्ष चंद्रप्रकाश नैथानी, पार्षद गायत्री भट्ट, भारतीय जनता युवा मोर्चा के जिला अध्यक्ष अमित भारद्वाज, हरीश खर्कवाल, समेत कई जनप्रतिनिधि सांसद का आभार जताया।
मार्ग बनने से राज्य की दोनों कमिश्नरी आपस से जुड़ेंगे
कोटद्वार निवासी राज गौरव नौटियाल, सुभाष रावत, रमेश गुप्ता, जगदंबा प्रसाद उनियाल वरिष्ठ भाजपा नेता भुवनेश्वर कुमार, उमेश त्रिपाठी का कहना है कि वन मंत्री डॉ हरक सिंह रावत की ओर से इस मार्ग के निर्माण के लिए अच्छे प्रयास किए गए हैं, लेकिन एनटीसीए और राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड की अनुमति ना होने से सड़क का निर्माण फंस गया है।
कहा कि इस मार्ग के बनने से राज्य की दोनों कमिश्नरी आपस से जुड़ेंगे और लोगों को सुगम आवाज आई का लाभ मिलेगा। भाजपा के जिलाध्यक्ष शैलेंद्र सिंह बिष्ट का कहना है कि गढ़वाल सांसद के प्रप्रयास अवश्य ही रंग लाएंगे। इससे लालढांग-चिल्लर-खाल-कोटद्वार पाखरौ-कालागढ़-रामनगर कंडी मार के निर्माण का मार्ग प्रस्तुत होगा। राज्य बनने के 19 साल में पहली बार यह मामला संसद में गूंजा।