मध्य प्रदेश के खरगोन और खंडवा जिले से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने या है जहां महाशिवरात्रि के मौके पर दो समुदाय आपस में भीड़ गए, और दोनों समुदायों के बीच जमकर हाथापाई हुई। और इस मारपीट की वजह से करीब 14 से ज्यादा लोग जख्मी बताय जा रहें हैं। आरोप है कि महाशिवरात्रि के दिन गांव के रसूखदारों ने कथित तौर पर दलित समाज की महिलाओं को शिव मंदिर में पूजा करने से रोक दिया। हालांकि, पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि दोनों पक्षों से बात की गई है। मामले को शांत करा लिया गया है।
दलितों के साथ मारपीट की घटना
पहली घटना खरगोन के कसरावद की है। जहां महाशिवरात्रि पर मंदिरों में पूजा करने के गए दलितों के साथ मारपीट हुई है। वहीं, दूसरी घटना में खंडवा के हरसूद में जलाभिषेक करने गए दलितों को मंदिर में आने नहीं दिया गया। पूरा मामला बैलवाड़ी गांव का है। गांव में दलित समुदाय के लोगों का कहना है कि शनिवार सुबह कोटवार हुकुमचंद का बेटा शिवलिंग पर जलाभिषेक के लिए मंदिर पहुंचा, यहां पुजारी ने उसे मंदिर में जाने नहीं दिया। फिर दलित समाज की कुछ लड़कियां भी मंदिर आईं, लेकिन उन्हें भी मंदिर आने नहीं दिया गया। इस घटना के बाद दोनों पक्षों में तनाव कायम हो गया।
खरगोन का एक वीडियो भी वायरल
वहीं, खरगोन का एक वीडियो भी वायरल हो रहा है। एक बच्चे के मुंह से खून निकलता दिखाई दे रहा है। दलित समुदाय के लोगों ने कहा कि भगवान शिव तो सबके हैं, लेकिन यहां भेदभाव किया जा रहा है। वहीं, इस पूरे मामले पर दलित समाज के नेताओं ने आंदोलन करने की चेतावनी दी है।
दलितों को भेदभाव का सामना करना पड़ रहा
अखिल भारतीय बलाई महासंघ के अध्यक्ष मनोज परमार के मुताबिक, यहां के आसपास के लगभग हर गांव में दलितों को भेदभाव का सामना करना पड़ रहा है। दलितों को पूजा-पाठ और मंदिर जाने से भी रोका जा रहा है। यह बिल्कुल गलत है। ऐसा नहीं होना चाहिए। हालांकि, इस मामले पर पुलिस ने कहा कि विवाद की खबरें आई हैं। पुलिस की एक टीम जांच कर रह रही है। बताया जा रहा है कि पत्थरबाजी की इस घटना में 14 लोग जख्मी हुए हैं, जिनका इलाज डॉक्टरों ने किया है।