भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पूर्व नेता शत्रुघ्न सिन्हा का मानना है कि केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) जैसी एजेंसियां स्वभाव से ‘‘निरंकुश’’ भाजपा नीत केंद्र सरकार की ‘‘सबसे बड़ी सहयोगी’’ हैं। अभिनेता से नेता बने पूर्व केंद्रीय मंत्री सिन्हा आसनसोल लोकसभा क्षेत्र से तृणमूल कांग्रेस के टिकट पर उपचुनाव लड़ रहे हैं। वह दशकों तक भाजपा में रहने के बाद कांग्रेस में शामिल हो गए थे।
पीएम मोदी के खिलाफ ‘‘निजी’’ मतभेद नहीं है, लेकिन
उन्होंने कहा कि उनके प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ ‘‘निजी’’ मतभेद नहीं है, लेकिन राजनीतिक मतभेदों के निकट भविष्य में हल होने की संभावना नहीं है। अपनी साफगोई के लिए प्रशंसकों के बीच ‘शॉटगन’ के नाम से मशहूर सिन्हा कांग्रेस छोड़ने की वजहों पर सीधे जवाब देने से बचते रहे। उन्होंने कहा, ‘‘कई बार सही दिशा में आगे बढ़ने के लिए आपको एक नयी दिशा लेनी होती है।’’
मुझे लगता है कि यह दिवंगत अटल बिहार वाजपेयी द्वारा बनायी पार्टी नहीं रही
सिन्हा ने विरोधियों द्वारा उन्हें दिए गए ‘‘बाहरी’’ के तमगे को भी खारिज किया। उन्होंने कहा कि वह ‘‘किसी अन्य बंगाली के मुकाबले कम बंगाली नहीं हैं।’’ सिन्हा ने कहा, ‘‘राजनीतिक अवसरवादिता को समझे बिना वे (भाजपा) ऐसे आरोप लगा रहे हैं। मुझे लगता है कि यह दिवंगत अटल बिहार वाजपेयी द्वारा बनायी पार्टी नहीं रही और यह एक निरंकुश संगठन बन गया है। वह अपने राजनीतिक विरोधियों से हिसाब चुकता करने के लिए सीबीआई, ईडी और आयकर विभाग का इस्तेमाल करती है।’’
भाजपा के पास अब सहयोगी नहीं रहे क्योंकि
उन्होंने कहा कि भाजपा के पास अब सहयोगी नहीं रहे क्योंकि उनमें से ज्यादातर ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन छोड़ दिया है। इसलिए ये केंद्रीय एजेंसियां उसकी सबसे बड़ी सहयोगी हैं, राजा से ज्यादा ईमानदार हैं। उन्हें जनता की सेवा करने का मौका देने के लिए मुख्यमंत्री और टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी का आभार जताते हुए सिन्हा ने कहा, ‘‘मेरे प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ कोई निजी मतभेद नहीं हैं। मतभेद पूरी तरह से राजनीतिक हैं…अगर हम राजनीतिक मतभेद सुलझा पाते तो मैं आज टीएमसी के साथ नहीं होता।’’
कांग्रेस संकट के दौर से गुजर रही है और मुझे लगता है कि
कांग्रेस की आलोचना के लहजे में सिन्हा (76) ने कहा कि उन्हें पार्टी में शामिल करने के समय काफी वादे किए गए थे जो पूरे नहीं किए गए। उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस संकट के दौर से गुजर रही है और मुझे लगता है कि यह उनके जख्मों पर नमक छिड़कने का सही वक्त नहीं है। मैं और कोई भ्रम पैदा नहीं करना चाहता। कई बार सही दिशा में आगे बढ़ने के लिए आपको एक नयी दिशा लेनी होती है।’’
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने भाजपा को हराने के लिए विपक्ष से हाथ मिलाने का भी आह्वान किया। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि ममता ऐसे किसी मोर्चे की अगुवाई करने के लिए सबसे उपयुक्त हैं।’’ सिन्हा का 12 अप्रैल को होने वाले आसनसोल लोकसभा उपचुनाव में भाजपा को अग्निमित्र पॉल से मुकाबला होगा। मतगणना 16 अप्रैल को होगी।