विश्व भारती यूनिवर्सिटी के पूर्व कुलपति (Vice Chancellor) सुशांत दत्तगुप्ता के खिलाफ यूनिवर्सिटी में अपने कार्यकाल के दौरान कथित भ्रष्ट गतिविधियों के मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने यह एफआईआर दर्ज की है।
सुशांत दत्तगुप्ता के खिलाफ 2012 और 2013 के दौरान लगाए गए आरोपों के सिलसिले में दो साल तक चली प्रारंभिक जांच के बाद यह कार्रवाई की गई है। अधिकारियों ने बताया कि यह आरोप लगाया गया है कि कुलपति के रूप में कार्यकाल के दौरान उन्होंने इस तथ्य को छुपाया कि उन्हें जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी से पेंशन भी मिल रही है, इस प्रकार उन्हें 13 लाख रुपये से अधिक का अतिरिक्त भुगतान प्राप्त हुआ।
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उन्होंने बताया कि दत्तगुप्ता के खिलाफ यूनिवर्सिटी का प्रतिनिधित्व करने के लिए एक निजी कानूनी फर्म को काम पर रखने से संबंधित आरोप भी है जिसने सरकार द्वारा अनुमोदित वकीलों से अधिक शुल्क लिया। सीबीआई ने आरोप लगाया कि प्रारंभिक जांच में यह भी पाया गया कि दत्तगुप्ता ने विभागीय जांच करने के लिए एक रिटायर्ड न्यायाधीश को मानदेय के रूप में पांच लाख रुपये का भुगतान किया जो नियमों के खिलाफ था।