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CBI ने भ्रष्टाचार के मामले में अनिल देशमुख के खिलाफ आरोपपत्र किया दाखिल

केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो ने भ्रष्टाचार के एक मामले में बृहस्पतिवार को मुंबई की एक विशेष अदालत में महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख और उनके सहयोगियों-संजीव पलांडे तथा कुंदन शिंदे के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया।

केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने भ्रष्टाचार के एक मामले में बृहस्पतिवार को मुंबई की एक विशेष अदालत में महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख और उनके सहयोगियों-संजीव पलांडे तथा कुंदन शिंदे के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया।
पिछले साल नवंबर में गिरफ्तार किए गए राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नेता देशमुख (71) और दो अन्य आरोपी वर्तमान में धनशोधन के मामले में न्यायिक हिरासत में हैं तथा शहर की ऑर्थर रोड जेल में बंद हैं। धनशोधन के मामले की जांच प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा की जा रही है।
आरोपपत्र अदालत की रजिस्ट्री में दाखिल किया गया और दस्तावेजों के सत्यापन के बाद इसे संज्ञान के लिए विशेष न्यायाधीश के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा।
सीबीआई ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि प्रारंभिक जांच के दौरान यह पता चला कि आरोपियों और अन्य लोगों ने अनुचित लाभ प्राप्त करने का प्रयास किया।
एजेंसी ने अपनी विज्ञप्ति में कहा कि यह भी आरोप है कि उक्त आरोपी और अन्य लोगों ने पुलिस अधिकारियों के तबादलों तथा पदस्थापना को अनुचित तरीके से प्रभावित किया। उन्होंने कहा कि मामले में आगे की जांच जारी है।
इस साल अप्रैल में, सीबीआई ने भ्रष्टाचार के मामले की जांच के तहत देशमुख, पलांडे, शिंदे और बर्खास्त पुलिसकर्मी सचिन वाजे को हिरासत में लिया था।
मामले में बुधवार को सरकारी गवाह बनाए गए वाजे का नाम आरोपपत्र में नहीं है।
मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह ने आरोप लगाया था कि तत्कालीन गृह मंत्री देशमुख ने पुलिसकर्मियों को शहर के रेस्तराओं और बार से प्रति माह 100 करोड़ रुपये की वसूली करने का निर्देश दिया था।
देशमुख ने आरोपों से इनकार किया था लेकिन बंबई उच्च न्यायालय द्वारा सीबीआई को उनके खिलाफ मामला दर्ज करने का निर्देश दिए जाने के बाद उन्हें अपने पद से हटना पड़ा था।

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