भारतीय सेना के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत ने चीन के साथ जारी तनाव के माहौल में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) का दौरा किया। जानकारी के मुताबिक, रावत ने मंगलवार को हिमाचल प्रदेश क्षेत्र के पास चीन के साथ लगनी वाली एलएसी पर संवेदनशील क्षेत्र में भारतीय सेना के द्वारा सैन्य तैयारियों का हाल जाना। साथ ही सीमा पर अग्रिम मोर्चे पर तैनात सेना के जवानों का हौंसला बढ़ाया।
जनरल रावत ने सैनिकों के साथ वार्तालाप में उनका आह्वान किया कि देश की क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के अपने काम में अडिग होकर लगे रहें। एलएसी पर सुमदोह सेक्टर में उनका एक दिन का दौरा ऐसे समय में हुआ जब पूर्वी लद्दाख में टकराव के अनेक बिंदुओं पर भारत और चीन की सेनाओं के बीच सैन्य गतिरोध बना हुआ है।
सेना ने कहा, ‘‘जनरल विपिन रावत ने सैनिकों के साथ संवाद किया, उनके उच्च मनोबल के लिए उनकी प्रशंसा की तथा उनसे इसी उत्साह के साथ देश की क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के काम में अडिग बने रहने का आह्वान किया।’’ सेना के अनुसार, जनरल रावत को स्थानीय कमांडरों ने जमीनी हालात के बारे में जानकारी दी।
भारत और चीन के बीच पिछले साल मई से पूर्वी लद्दाख में कई जगहों पर सैन्य गतिरोध की स्थिति बनी हुई है। हालांकि दोनों पक्षों ने पैंगोंग झील के उत्तरी तथा दक्षिणी किनारों से सैनिकों एवं हथियारों की वापसी का काम फरवरी में पूरा किया। इससे पहले कई दौर की सैन्य और कूटनीतिक वार्ताएं दोों पक्षों में हुईं।
दोनों पक्ष टकराव के बाकी बिंदुओं से भी सैनिकों की वापसी के विषय पर वार्ता कर रहे हैं। सैन्य अधिकारियों के अनुसार, संवेदनशील सेक्टर में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर, प्रत्येक ओर करीब 50,000 से 60,000 सैनिक हैं। कुल 11 दौर की सैन्य वार्ता होने के बावजूद चीन के रूख में लचीलापन नहीं दिखा।