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सीधी बस हादसे में 51 यात्रियों की मौत के लिए सीमेंट कंपनी के ओवरलोडेड डंपर जिम्मेदार : माकपा

मध्य प्रदेश मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने प्रदेश के सीधी जिले में दो दिन पहले हुए बस हादसे में 51 यात्रियों के मारे जाने के लिए निजीकरण।

मध्य प्रदेश मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने प्रदेश के सीधी जिले में दो दिन पहले हुए बस हादसे में 51 यात्रियों के मारे जाने के लिए निजीकरण, मुनाफे की हवस और एक सीमेंट कंपनी के ओवरलोडेड डंपर एवं छुहिया घाटी पर लगे सड़क जाम को दोषी करार दिया है।
इसके अलावा, पार्टी ने इस बस हादसे में पीड़ित परिवारों को और मुआवजा देने की मांग की है। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव जसविंदर सिंह ने गुरूवार को यहां बयान जारी कर आरोप लगाया, ‘‘सीधी से सतना आ रही बस हादसे का शिकार हुई।
51 जिंदगियों को निजीकरण और मुनाफे की हवस ने निगला है।’’ उन्होंने कहा कि जिस दिन (मंगलवार को) यह हादसा हुआ, उस दिन छुहिया घाटी पर पिछले सात दिन से सड़क जाम था। सिंह ने आरोप लगाया, ‘‘इस जाम की वजह एक सीमेंट कारखाने के ओवरलोडेड ट्रकों और ट्रालों से सड़क को बुरी तरह गड्डों में तबदील कर देना था।’’
उन्होंने कहा, ‘‘छुहिया घाटी के जाम के कारण ही बसों को अपने निर्धारित मार्ग को बदलकर नहर के किनारे की उस संकरी और ऊबड़-खाबड़ सड़क से निकलना पड़ रहा था, जहां यह हादसा हुआ।’’ सिंह ने आरोप लगाया कि यह सीमेंट कारखाना उसी कंपनी का है, जिसके डंपर कांड में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और उनके परिजनों के नाम जुड़ चुके हैं।
छुहिया घाटी के आसपास रहने वाले लोगों के अनुसार इस बस हादसे के तीन दिन पहले से छुहिया घाटी मार्ग पर एक ट्रक के पलट जाने से ट्रैफिक बुरी तरह से जाम था। यह भी खबर है कि इससे पहले इस मार्ग पर डंपरों को चलने से रोकने के लिए लोगों ने प्रदर्शन कर सड़क जाम किया था, क्योंकि इनके चलने से सड़क बार-बार बुरी तरह से खराब हो जाती थी और इस पर वाहन चलाने में बड़ी दिक्कतों का सामना करना पड़ता था।
सीधी जिले के पुलिस अधीक्षक पंकज कुमावत ने ‘बताया कि इस बस हादसे के बाद छुहिया घाटी मार्ग में लगा जाम हटा दिया गया है और यातायात बहाल कर दिया गया है। उन्होंने कहा, ‘‘इस सड़क की मरम्मत की जा रही है।’’ माकपा नेता ने कहा है कि गैर कानूनी तरीके से रोकी गई सड़क और रायल्टी बचाने के लिए ओवरलोडेड ट्रकों और डंपरों की जांच कर ही असली मुजरिमों को बेनकाब किया जा सकता है।
मगर इनसे ध्यान हटाने की कोशिश हो रही है, क्योंकि यह सब राजनीतिक संरक्षण में हो रहा था। उन्होंने कहा, ‘‘इस बस हादसे की जांच कर अपराधियों को सजा दिलाने के साथ ही प्रदेश सरकार को इस हादसे की नैतिक जिम्मेदारी लेनी चाहिए।’’
इस बस हादसे के मृतकों के परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए सिंह ने मांग की कि मृतकों के परिजनों को 20-20 लाख रुपए मुआवजा एवं एक आश्रित को सरकारी नौकरी देने और घायलों के मुफ्त उपचार के साथ ही उन्हें पांच-पांच लाख रुपए मुआवजा दिया जाए।
मालूम हो कि सरकार ने इस बस हादसे के मृतकों के परिजनों को सात-सात लाख रूपये दिए हैं। इनमें से दो-दो लाख रूपये केन्द्र सरकार ने दिए, जबकि पांच-पांच लाख रूपये मध्यप्रदेश सरकार ने दिए हैं। वहीं, मध्यप्रदेश भाजपा प्रवक्ता पंकज चतुर्वेदी ने मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के इन आरोपों को निराधार बताया है।
चतुर्वेदी ने कहा, ‘‘इस हादसे के दोषी लोगों के खिलाफ सरकार कार्रवाई कर रही है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘राज्य सरकार ने निर्देश दिए हैं कि दोषियों को किसी भी स्थिति में छोड़ा नहीं जाएगा।’’ मालूम हो कि मध्यप्रदेश में सीधी जिला मुख्यालय से करीब 80 किलोमीटर दूर पटना गांव के पास मंगलवार सुबह को हुए इस बस हादसे में 51 लोगों की मौत हो गई थी।

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