लोकसभा चुनाव 2024

पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

तीसरा चरण - 7 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

94 सीट

चौथा चरण - 13 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

96 सीट

पांचवां चरण - 20 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

49 सीट

छठा चरण - 25 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

सातवां चरण - 1 जून

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

लोकसभा चुनाव पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

न्यायिक अवसंरचना निगम और वकीलों की सहायता पर केंद्र का जवाब नहीं आया: CJI रमण

देश के प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) एनवी रमण ने रविवार को कहा कि न्यायिक अवसंरचना निगम गठित करने और कोविड-19 से जीविकोपार्जन खो चुके वकीलों को आर्थिक मदद देने के प्रस्ताव पर अबतक केंद्र से जवाब नहीं आया है।

देश के प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) एनवी रमण ने रविवार को कहा कि न्यायिक अवसंरचना निगम गठित करने और कोविड-19 से जीविकोपार्जन खो चुके वकीलों को आर्थिक मदद देने के प्रस्ताव पर अबतक केंद्र से जवाब नहीं आया है। 
वारंगल में अदालत परिसर का उद्घाटन करने के बाद न्यायमूर्ति ने कहा कि न्यायिक अवसंरचना निगम और ग्रामीण इलाकों में मोबाइल इंटरनेट की सुविधा स्थापित करने का प्रस्ताव जुलाई और जून में भेजा गया था,यद्यपि इनपर कार्रवाई नहीं हुई है। न्यायमूर्ति रमण ने कहा, लेकिन उम्मीद है कि केंद्र सरकार संसद के चालू शीतकालीन सत्र में ही न्यायिक अवसंरचना निगम के गठन के लिए विधेयक लाएगी। 
न्यायमूर्ति रमण ने असंतुष्टि का भाव प्रकट करते हुए कहा,‘‘मैंने केंद्र से कहा कि उन वकीलों के परिवारों की आर्थिक मदद करें जिन्होंने कोविड-19 की वजह से अपना जीविकोपार्जन खो दिया है। सरकार की ओर से अबतक उचित जवाब नहीं आया है।अवसंरचना स्थापित करने के को लेकर भी जवाब नहीं आया है। मैं इन मुद्दों को जब भी मौका मिलता है, उन विभिन्न मंचों पर तब उठाता हूं जब प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति मौजूद होते हैं।’’ 

कृषि कानूनों को निरस्त करना ऐतिहासिक, फिर भी किसानों को बताएंगे इसके फायदे: नरेंद्र सिंह तोमर

उन्होंने कहा, ‘‘देश में तीन मुद्दे हैं, मूलभूत अवसंरचना की कमी, न्यायाधीशों की संख्या बढ़ाई जाए और अर्हता रखने वाले वकीलों की वित्तीय मदद की जाए। अगर हम इन समस्याओं को दूर करेंगे तभी लोगों तक पहुंच पाएंगे। तभी ‘‘ न्याय तक पहुंच’ का मतलब होगा।’’ न्यायमूर्ति रमण ने कहा कि बढ़ते मामलों की वजह केवल न्यायाधीशों की कमी नहीं है बल्कि इससे निपटने के लिए अवसंरचना की भी जरूरत है। जरूरी अवसंरचना मुहैया कराए बिना यह उम्मीद करना कि न्यायाधीश और वकील अदालत की जर्जर इमारत में बैठक कर न्याय देंगे उचित नहीं है। सरकार को, विशेषतौर पर केंद्र को इसपर संज्ञान लेना चाहिए। 
सीजेआई ने कहा कि उन्होंने केंद्र और कानून मंत्री को ग्रामीण क्षेत्रों में वकीलों के लिए मोबाइल नेटवर्क वैन स्थापित करने के लिए पत्र लिखा है ताकि वे अदालत की कार्यवाही में डिजिटल रूप से शामिल हो सकें। उन्होंने कहा कि जो वकील शहरों और कस्बो में रहते हैं वे वीडियो कांफ्रेंस के जरिये अदालत की कार्यवाही में शामिल हो सकते हैं। लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों के अधिवक्ता जो नेटवर्क को वहन नहीं कर सकते, अंतत: अपना पेशा खो देंगे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

five × 3 =

पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।