राम मंदिर के फैसले और तत्कालीन सीजेआई पर केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने मंगलवार को कहा कि ऐसे अभद्र टिप्पणी करना एक गंभीर विषय है। इसको लेकर तृणमूल सांसद महुआ मोइत्रा पर उचित कार्रवाई करने पर विचार किया जा रहा है। महुआ मोइत्रा ने सोमवार को लोकसभा में पूर्व प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई के खिलाफ अभद्र टिप्पणी की थी।
लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान महुआ मोइत्रा ने उच्चतम न्यायालय के पूर्व प्रधान न्यायाधीश के राम मंदिर के फैसले करने को लेकर अभद्र टिप्पणी की, जिसका भाजपा सदस्यों और सरकार की ओर से विरोध किया गया। लेकिन इसके बावजूद मोइत्रा ने इस बात को दोहराया था। महुआ ने कहा था कि दबाव में आकर गोगोई ने राम मंदिर का फैसला दिया था।
टीएमसी सांसद ने केंद्र सरकार पर ‘कायरता को साहस के रूप में परिभाषित’ करने का आरोप लगाया था। महुआ ने सोमवार को कहा था कि नागरिकता संशोधन कानून लाना, अर्थव्यवस्था की स्थिति, बहुमत के बल पर तीन कृषि कानून लाना इसके उदाहरण हैं। इसके बाद महुआ मोइत्रा ने सीजेआई पर टिप्पणी करते हुए कहा था कि न्यायपालिका अब पवित्र नहीं रह गई है।
केंद्र सरकार के दबाव में आकर फैसले किए जाते है। तृणमूल कांग्रेस सदस्य ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि कुछ लोग सत्ता की ताकत, कट्टरता, असत्य को साहस कहते है। उन्होंने कहा कि इस सरकार ने दुष्प्रचार और गलत सूचना फैलाने को कुटीर उद्योग बना लिया है। लोकसभा में उनकी राम मंदिर और पूर्व सीजेआई को लेकर सरकार गंभीर है। जल्द ही महुआ मोइत्रा के खिलाफ कोई कार्रवाई हो सकती है।