भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने लिंगायत और वीरशैव लिंगायत समुदाय को अलग धर्म का दर्जा देने को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने यह साफ कर दिया है कि उन्हें अलग धर्म का दर्जा केंद्र सरकार नहीं देने वाली है। भाजपा अध्यक्ष ने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि उसने सिर्फ वोट बैंक के लिए लिंगायत समुदाय का इस्तेमाल कर रही है। उन्होंने कहा कि लिंगायत और वीरशैव लिंगायत को धार्मिक अल्पसंख्यकों का दर्जा देना हिंदुओं को बांटने वाला कदम है। भाजपा अध्यक्ष ने मगंलवार को अपने कर्नाटक दौरे के दौरान यह बातें कही।
शाह ने कहा कि लिंगायत समुदाय के सभी महंतों का यह कहना है कि समुदाय को बटने नहीं देना है। मैं इस बात का भरोसा दिलाता हूं कि ऐसा नहीं होगा। जब तक भाजपा की सरकार है किसी भी तरह का बंटवारा नहीं होगा। हम इसको लेकर प्रतिबद्ध है। उन्होंने इसे बीएस येदियुरप्पा को कर्नाटक का अगला मुख्यमंत्री बनने से रोकने की साजिश बताया है।
बता दें कि राज्य में 12 मई को विधानसभा चुनाव हैं। नतीजे 15 मई को घोषित किए जाएंगे। अमित शाह ने वीरशैव लिंगायत के महंतों से कहा कि लिंगायत समुदाय को धार्मिक अल्पसंख्यक का दर्जा देने की राज्य सरकार की सिफारिश को केंद्र सरकार नहीं मानेगी।
वहीं, अमित शाह ने लिंगायत को अलग धर्म का दर्जा देने के सुझाव को सिद्धारमैया सरकार की मंजूरी पर कहा कि यह येदियुरप्पा जी को कर्नाटक का सीएम बनने से रोकने की रणनीति है। वे लिंगायत वोटों का धुव्रीकरण चाहते हैं, लेकिन समुदाय इसे लेकर जागरुक है। चुनाव के बाद भाजपा अपना रुख स्पष्ट करेगी।
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