देश में कोरोना वायरस महामारी अब नियंत्रण में है, हालांकि कुछ राज्य अभी ऐसे है, जहां पर कोरोना की स्थिति चिंताजनक बनी हुई है। इस वैश्विक महामारी को केंद्र सरकार व तमाम राज्य सरकारें मिलकर सयंम पूर्वक कार्य कर रही है। इसी कड़ी में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा कोविड-19 प्रबंधन की निगरानी के लिए तैनात केंद्रीय टीम सोमवार को ओडिशा पहुंच गई।
केंद्रीय टीम में दो सदस्य शामिल हैं- कोलकाता स्थित अखिल भारतीय स्वच्छता और सार्वजनिक स्वास्थ्य संस्थान (एआईआईएच एंड पीएच) की प्रोफेसर डॉ शिबानी दत्ता, जो सोमवार सुबह भुवनेश्वर पहुंची, और एम्स भुवनेश्वर में प्रोफेसर प्रशांत राघब महापात्र भी इस टीम में शामिल हैं।
दत्ता ने संवाददाताओं से कहा, हमारे कार्यक्रम के अनुसार, आज हम राज्य सरकार के अधिकारियों के साथ बैठक करेंगे और कल उन जिलों का दौरा करेंगे जहां केसों की संख्या अधिक है और मामले बढ़ रहे हैं। क्षेत्र के दौरे के दौरान, टीम निगरानी और रोकथाम गतिविधियों के साथ-साथ मामलों का शीघ्र पता लगाने और परीक्षण करेगी। उन्होंने बताया कि वे इस बात की भी जांच करेंगे कि क्या अस्पताल पर्याप्त संख्या में बेड और वेंटिलेटर से लैस हैं।
टीम सभी कोविड -19 मानदंडों के समग्र कार्यान्वयन और उचित व्यवहार, अस्पताल के बिस्तर, एम्बुलेंस, वेंटिलेटर, और चिकित्सा ऑक्सीजन की उपलब्धता और टीकाकरण की निगरानी करेगी। सूत्रों ने कहा कि टीम के सदस्यों से राज्य सरकारों से संबंधित स्वास्थ्य उपचार पर सुझाव देने की भी उम्मीद है।
ओडिशा ने सोमवार को एक दिन में सबसे अधिक 52 लोगों की मौत की सूचना दी, जिससे अब तक मरने वालों की संख्या बढ़कर 4,248 हो गई है। खुर्दा जिले में सबसे अधिक नौ कोविड से संबंधित मौतें हुईं, जबकि बरगढ़, गंजम, कालाहांडी, सुंदरगढ़ और पुरी जिलों में पांच-पांच मौतें हुईं।
इसी तरह, केंद्रपाड़ा जिले से चार और कटक, कंधमाल और मयूरभंज जिलों से दो-दो लोगों की मौत हुई है। भद्रक, बौध, ढेंकनाल, झारसुगुड़ा, क्योंझर, नयागढ़, नुआपाड़ा और संबलपुर जिलों में कोरोना से एक-एक मौत दर्ज की। राज्य में सक्रिय मामले 29,620 तक पहुंच गए, जबकि 8,90,778 मरीज अब तक इस बीमारी से उबर चुके हैं।