केंद्रीय टीमों अहमदाबाद और सूरत शहरों में कोरोना वायरस वैश्विक माहमारी की स्थिति का जायजा लेने के लिए शनिवार को इन शहरों का दौरा किया। अधिकारियों ने बताया कि इन टीमों ने अहमदाबाद और सूरत में कलेक्टरों, निकाय प्रमुखों, पुलिस आयुक्तों सहित वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बातचीत की। गृह मंत्रालय ने केंद्रीय टीमों को स्थिति का मौके पर मूल्यांकन करने और राज्य के अधिकारियों को इसके निवारण के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश जारी करने और अपनी रिपोर्ट केंद्र सरकार को प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है।
इन दोनों अंतर-मंत्रालयी केंद्रीय टीमों (आईएमसीटी) का नेतृत्व अतिरिक्त सचिव स्तर के अधिकारी कर रहे हैं। यह दौरा केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा यह कहे जाने के एक दिन बाद हुआ है कि अहमदाबाद, सूरत, ठाणे (महाराष्ट्र), हैदराबाद (तेलंगाना) और चेन्नई (तमिलनाडु) में कोरोना वायरस की स्थिति ‘‘विशेष रूप से गंभीर है।’’ शुक्रवार शाम तक अहमदाबाद जिले में कोरोना वायरस के 1,821 मामले जबकि सूरत जिले में ऐसे 462 सामने आए। अहमदाबाद में 83 मरीजों की मौत हो गई है, जबकि सूरत जिले में 14 मरीजों की मौत हुई है।
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आधिकारिक सूत्रों ने कहा, ‘‘केंद्रीय टीमों ने दो हॉटस्पॉट (संक्रमण से सबसे अधिक प्रभावित) शहरों में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों और लॉकडाउन के उपायों को लागू करने जैसे मुद्दों पर स्थानीय प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ चर्चा की।’’ सूरत टीम ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए राज्य के मुख्य सचिव अनिल मुकीम के साथ बातचीत की। इस दौरान उन्होंने सूरत में फंसे प्रवासी श्रमिकों की स्थिति पर चर्चा की।
सूरत नगर आयुक्त बी एन पाणि ने कहा कि उन्होंने बैठक में हिस्सा लिया। हालाँकि, उन्होंने इस बारे में और कोई जानकारी साझा नहीं की। सूत्रों ने कहा कि ये केंद्रीय दल अहमदाबाद और सूरत शहरों के कुछ कोविड-19 हॉटस्पॉट इलाकों का दौरा करेंगे।
इन टीमों को जिले में विभिन्न कारकों का जायजा लेने का कार्य सौंपा गया है। इसमें आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 के तहत जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार लॉकडाउन के उपायों का अनुपालन और कार्यान्वयन, जिले में आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति, एक-दूसरे से भौतिक दूरी बनाए रखने के नियम का अनुपालन, स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे की तैयारी, अस्पताल की सुविधाओं और नमूनों से संबंधित आंकड़े शामिल हैं।