गोवा के मुख्य चुनाव अधिकारी (सीईओ) ने पुलिस से सोशल मीडिया पर भेजे जा रहे उस संदेश की जांच करने को कहा है जिसमें गलत दावा किया गया है कि प्रवासी भारतीयों (एनआरआई) को लोकसभा चुनाव में ऑनलाइन मत देने की अनुमति होगी। गोवा में लोकसभा की दो सीटों के लिए चुनाव के साथ ही विधानसभा की तीन सीटों के लिए उपचुनाव 23 अप्रैल को होना है। सीईओ कार्यालय ने मंगलवार को जारी एक बयान में स्पष्ट किया कि चुनाव आयोग ने प्रवासी भारतीयों के लिए ऐसा कोई प्रावधान नहीं किया है।
बयान में कहा गया है कि ऐसा महसूस किया गया है कि कुछ लोग चुनाव आयोग के ‘लोगो’ का इस्तेमाल कर सोशल मीडिया के जरिए गलत खबर फैला रहे हैं। इससे आम लोगों में भ्रम की स्थिति पैदा हो रही है। बयान के अनुसार इस गलत खबर पर संज्ञान लेते हुए और इस बारे में शिकायत मिलने पर मामला जांच के लिए पुलिस को सौंपा गया है।
चुनाव आयोग की एक विशेषज्ञ समिति ने प्रवासी भारतीयों के लिए ई-वोटिंग से इंकार किया था लेकिन उसने ‘‘प्राक्सी’’ मतदान के लिए सहमति प्रदान कर दी थी। प्रवासी भारतीयों को ‘‘प्राक्सी वोटिंग’’ का अधिकार देने संबंधी एक विधेयक हाल ही में लोकसभा से पारित हुआ था। लेकिन यह राज्यसभा में लंबित है। तीन जून को मौजूदा लोकसभा के भंग होने पर इस विधेयक की मियाद समाप्त हो जाएगी।