चमोली आपदा : तपोवन सुरंग को खोलने में जुटी रेस्क्यू टीम, अब तक 29 शव बरामद
एनटीपीसी की तपोवन-विष्णुगाड जलविद्युत परियोजना की सुरंग में फंसे 30-35 लोगों को बाहर निकालने के लिए सेना, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ और आईटीबीपी का बचाव और राहत अभियान युद्धस्तर पर जारी है।
उत्तराखंड के चमोली में आई विकराल बाढ़ के कारण एनटीपीसी की तपोवन-विष्णुगाड जलविद्युत परियोजना की सुरंग में फंसे 30-35 लोगों को बाहर निकालने के लिए सेना, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ और आईटीबीपी का बचाव और राहत अभियान मंगलवार को भी युद्धस्तर पर जारी है। सुरंग से अब तक 29 शव बरामद हो चुके हैं।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह ने बताया कि दूसरी टनल को खोलने में अभी तक कोई सफलता नहीं मिली है। ऐसे में अब हम एक दूसरे रास्ते से घुसने की कोशिश कर रहे हैं। अभी तक कुल 29 शव बरामद हुए हैं बाक़ी लोगों की ढूंढने का काम तेज़ी से किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि टनल में क़रीब 35 श्रमिक फंसे हैं।
उत्तराखंड के डीजीपी अशोक कुमार ने बताया कि मलबे में से दो शव और बरामद हुए हैं, तीसरा शव दिख रहा है तो इस तरह अब तक कुल 29 शव बरामद हो चुके हैं। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत सोमवार शाम को आपदाग्रस्त तपोवन क्षेत्र पहुंचे थे और उन्होंने मंगलवार सुबह क्षेत्र का हवाई दौरा किया और हादसे में घायल हुए लोगों से अस्पताल में मुलाकात की तथा उनका हालचाल जाना।
रविवार को पहाड़ से गिरी लाखों टन बर्फ के कारण ऋषिगंगा और धौलीगंगा नदियों में अचानक बाढ़ आ गई और इससे ऋषिगंगा और तपोवन-विष्णुगाड बिजली परियोजनाओं में काम करने वाले और आसपास रहने वाले करीब आधा दर्जन लोग घायल हो गए। राज्य आपदा प्रबंधन विभाग के अधिकारियों के अनुसार, अब तक 26 शव बरामद हो चुके हैं जबकि 171 लोग अब भी लापता हैं।
तपोवन में संवाददाताओं से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री रावत ने कहा कि इस समय प्राथमिकता सुरंग के अंदर फंसे लोगों तक पहुंचने और ज्यादा से ज्यादा लोगों का जीवन बचाना है। एनटीपीसी की सुरंग में भारी मलबा होने तथा उसके घुमावदार होने के कारण बचाव और राहत कार्यों में मुश्किलें आ रही हैं इसके बावजूद सुरंग का आधे से ज्यादा रास्ता अब तक साफ किया जा चुका है और अधिकारियों को उम्मीद है कि जल्द ही वहां फंसे लोगों से संपर्क हो सकेगा ।