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मोदी सरकार से अलग हुए चंद्रबाबू नायडू , दो मंत्री देंगे केंद्र से इस्तीफा

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केंद्र सरकार और टीडीपी के बीच विवाद अब काफी गहरा गया है। नतीजा ये है कि गुरुवार को मोदी कैबिनेट से 2 मंत्री इस्तीफा दे सकते हैं। ये दोनों मंत्री टीडीपी के कोटे से मंत्री बने थे। इतना ही नहीं आंध्रप्रदेश की चंद्रबाबू नायडू की सरकार में शामिल बीजेपी के 2 विधायक भी इस्तीफा दे सकते हैं।

आपको बता दें कि केंद्र सरकार और टीडीपी  के बीच आंध्रप्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा दिलाने को लेकर विवाद था, जिसको लेकर बुधवार को मोदी सरकार ने ये साफ कर दिया है कि आंध्रप्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा नहीं दिया जाएगा।

बता दे कि केंद्र में टीडीपी कोटे के दोनों कैबिनेट मंत्री यानी अशोक गजपति राजू (केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री) और वाईएस चौधरी (विज्ञान और तकनीकी राज्य मंत्री) गुरुवार को इस्तीफा दे सकते हैं। साथ ही यह भी कहा कि उनकी पार्टी राजग से भी अलग हो सकती है।

हालांकि, टीडीपी प्रमुख चंद्रबाबू नायडू इस मसले पर गुरुवार सुबह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात करेंगे। बताया जा रहा है कि पीएम से बात होने के बाद ही नायडू अपने मंत्रियों को फाइनल आदेश देंगे। यानी प्रधानमंत्री से नायडू की बात होने के बाद ही दोनों मंत्री इस्तीफा दे सकते हैं।

उन्होंने अगले कदमों की घोषणा भी शीघ्र करने की बात की।चंद्रबाबू ने अमरावती में पत्रकारों से बात करते हुए केंद्रीय बजट में आंध्र की अनदेखी को लेकर मोदी सरकार से नाराजगी जताई। उन्होंने कहा किकेंद्र ने पांच साल पहले आंध्र प्रदेश के विभाजन के समय कई वादे किए थे, लेकिन एक भी नहीं निभाया गया। यह वादा केंद्र में उस समय की मनमोहन सरकार ने किया था।

दरअसल, आंध्र में विशेष राज्य के दर्जे को लेकर राजनीति गहरा गई थी। जगन मोहन रेड्डी की वाईएसआर-कांग्रेस ने केंद्र को पांच अप्रैल तक विशेष राज्य की घोषणा का अल्टीमेटम दे रखा है। ऐसा नहीं होने पर पार्टी के सभी नौ सांसद और विधायक संबद्ध सदनों से इस्तीफा दे देंगे। इस अल्टीमेटम के बाद राज्य में कौन आगे-कौन पीछे की लड़ाई शुरू हो गई।

सत्तारूढ़ टीडीपी को मजबूरी में इस लड़ाई में कूदना पड़ गया। क्योंकि पहले वह विशेष पैकेज की ही मांग कर रही थी। बाद में वाईएसआर-कांग्रेस के रुख को देख उसने भी विशेष राज्य के दर्जे की मांग शुरू कर दी। यही मजबूरी उसके गले की फांस बनकर मोदी मंत्रिमंडल से अलग होने का कारण बन गई।

वही , वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कह दिया है कि आंध्र को विशेष राज्य का दर्जा नहीं स्पेशल पैकेज दिया जाएगा। उन्होंने कहा था कि आंध्र प्रदेश को स्पेशल स्टेटस के आधार पर ही स्पेशल पैकेज दिया जाएगा।

ऐसे में विपक्षी दल भी मौके का फायदा उठाने लगे हैं। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद अहमद पटेल ने ट्विट कर पूरे घटनाक्रम को दुर्भाग्यपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि प्रधानमंत्री ऐसे महत्वपूर्ण मौके पर आंध्र के मुख्यमंत्री का फोन नहीं उठा रहे हैं। यह आंध्र प्रदेश की जनता के लिए अच्छा नहीं है।

वहीं कांग्रेस ने 13 मार्च को सोनिया गांधी की ओर से बुलाई गई विपक्ष की बैठक के लिए टीडीपी को भी न्यौता भेजा गया है, जहां कई विपक्षी दलों के आने की संभावना है।

इस्तीफे को लेकर जो सस्पेंस बना हुआ था उसे आंध्र के आईटी मंत्री नारा लोकेश ने साफ कर दिया। नारा ने गुरुवार को बताया कि मोदी सरकार में उनकी पार्टी टीडीपी के दो मंत्री इस्तीफा देने जा रहे हैं।  नारा ने टि्वटर पर कहा कि हमने काफी इंतजार किया। हमने झूठे वादों पर काफी भरोसा किया। हमारे मंत्री मोदी सरकार से इस्तीफा देने जा रहे हैं। आंध्र के लोगों के सपनों को पूरा करने के लिए जो कुछ भी करना होगा, हमारी पार्टी करेगी।

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