ऋषिकेश : चारधाम यात्रा इस बार मानसून से पहले ही धीमी पड़ गई है। शुरूआती दौर में जहां इस बार यात्रा नए कीर्तिमान की ओर बढ़ती नजर आ रही थी, वहीं अब यात्रा के दो माह पूरे होने से पहले ही यात्रियों की संख्या में भारी कमी नजर आने लगी है। वर्ष 2013 की आपदा के बाद इस वर्ष चारधाम यात्रा खासे जोर-शोर से शुरू हुई थी। प्रशासन ने भी चारधाम यात्रा के लिए विशेष प्रबंध किए थे।
सात मई को गंगोत्री व यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने के साथ ही चारधाम यात्रा शुरू हो गई थी। जबकि नौ मई को केदारनाथ धाम और दस मई को बदरीनाथ धाम के कपाट खुलते ही यात्रा में तेजी आ गई। शुरूआती दौर में ही यात्रियों की खासी संख्या चारधाम यात्रा के लिए पहुंची। अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि चारधाम यात्रा शुरू होने के पहले सप्ताह में ही संयुक्त रोटेशन से डेढ़ सौ से अधिक वाहन प्रतिदिन यात्रियों को लेकर यात्रा पर रवाना होने लगे थे।
चारधाम यात्रा को एक माह पूरा होने तक करीब चार लाख श्रद्धालु तथा संयुक्त रोटेशन की बसों का पूरा बेड़ा यात्रा पर चला गया था और अधिकांश वाहन दूसरे चक्कर के लिए चले गए थे। मगर, पिछले तीन सप्ताह से यात्रा में लगातार यात्रियों की संख्या में कमी आ रही है। इस वर्ष पीक सिजन में जहां प्रतिदिन दस से बारह हजार यात्री व संयुक्त रोटेशन की डेढ़ सौ से अधिक बसें यात्रा पर रवाना हो रही थी, वहीं अब यह यात्रियों की संख्या घटकर तीन से चार हजार व बसों की संख्या दस से बाहर ही रह गई है।
अक्सर पूर्व वर्षों की यात्रा में यह स्थिति मानसून शुरू होने के बाद देखने को मिलती थी। मगर, इस बार मानसून शुरू होने से पहले ही यात्रियों की संख्या में इतनी कमी से परिवहन व्यवसायियों की चिंता बढ़ गई है।