चारधाम की यात्रा पर जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए राहत की खबर सामने आई है। उत्तराखंड हाई कोर्ट द्वारा यात्रा से रोक हटाने के बाद कल यानी 18 सितंबर से एक बार फिर श्रद्धालु चारधाम की यात्रा पर जा सकेंगे। राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को इसका ऐलान किया।
उत्तराखंड हाई कोर्ट ने गुरुवार को राज्य सरकार को कोविड-19 प्रोटोकॉल के सख्त अनुपालन के साथ यात्रा संचालित करने का निर्देश दिया। इसके साथ ही कोर्ट ने यह भी कहा कि यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं के लिए कोविड नियमों के तहत कोरोना की नेगेटिव रिपोर्ट और वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट लाना अनिवार्य होगा।
कोर्ट ने निर्धारित की श्रद्धालुओं की संख्या
चारधाम के नाम से प्रसिद्ध उच्च गढवाल हिमालयी क्षेत्रों में स्थित मंदिरों में श्रद्धालुओं की दैनिक सीमा निर्धारित करते हुए केदारनाथ धाम में प्रतिदिन अधिकतम 800, बदरीनाथ में 1200, गंगोत्री में 600 और यमुनोत्री में 400 यात्रियों की दर्शन की अनुमति दी जाएगी। इसके अतिरिक्त, यात्रियों को मंदिरों के आसपास स्थित झरनों में स्नान की अनुमति नहीं होगी।
यात्रा के दौरान चमोली, रूद्रप्रयाग और उत्तरकाशी जिलों में चारधाम यात्रा के दौरान जरुरत के अनुसार पुलिस बल तैनात किया जाएगा। चमोली में बदरीनाथ, रूद्रप्रयाग में केदारनाथ और उत्तरकाशी जिले में गंगोत्री और यमुनोत्री मंदिर स्थित हैं। हाई कोर्ट का यह फैसला राज्य सरकार के लिए बड़ी राहत लेकर आया है। चारधाम यात्रा से लाखों लोगों की रोजी-रोटी जुड़ी होने के कारण राज्य सरकार पर इसे शुरू करने का चौतरफा दवाब था।